शुगर यानि की मधुमेह की समस्या इन दिनों इतनी आम हो गई है कि हर वर्ग के लोग इसकी चेपेट में है हालांकि एक बार ये रोग लग जाए तो जीवन भर डायबिटीक पेशेंट को खाने से जुड़ी बहुत सी बातों का ख्याल रखना जरूरी हो जाता है। वहीं जो महिलाएं कंसीव करना चाहती हैं उन्हें भी आम गर्भवती महिलाओं से ज्यादा केयर और सावधानी रखने की जरूर रहती हैं। अगर महिला डायबिटीज की शिकार हैं और आगे प्रेगनेंसी कंसीव करने की सोच रही हैं तो उन्हें कुछ बातों पर पहले दिन से ही खास एहतियात बरतने की जरूरत रहती है ताकि मां और बच्चे पर किसी तरह का कोई प्रभाव ना पड़े। शुगर पीड़ित महिला के स्वस्थ के साथ बहुत से हेल्थ रिस्क जुड़े होते हैं, चलिए आज उन्हीं के बारे में बताते हैं।
1. ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखें
डायबिटीज से पीड़ित महिला कंसीव करना चाहती है तो सबसे पहले ब्लड शुगर का स्तर बैलेंस्ड में रखना बहुत जरूरी है। इससे न सिर्फ कंसीव करने में मदद मिलती है बल्कि प्रैग्नेंसी का सफर भी आसान हो जाता है।
2. टाइम पर दवाइयां खाएं
डायबिटीज से पीड़ित महिला को कंसीव करने से पहले अपनी दवाइयों से जुड़ी सभी जानकारी डॉक्टर को देनी चाहिए। इससे मेडिसिन में बदलाव करने हैं या नहीं, इस बारे में जानकारी मिलने में सुविधा होती है। असल में, प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को कोई भी मेडिसिन नहीं दी जाती है ताकि बच्चे पर इसका नेगेटिव असर न पड़े। इसी तरह, डायबिटीज से पीड़ित महिला को कंसीव करने के बाद ऐसी दवाईयां दी जाती हैं, जो ब्लड शुगर को बैलेंस्ड रखे और साथ-साथ बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित न करें।
3. फॉलिक एसिड लें
डायबिटीक महिला को स्टिल बर्थ, प्री-टर्म डिलीवरी का रिस्क भी काफी ज्यादा रहता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि महिला अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखें। प्रेग्नेंसी की शुरुआती दिनों में फॉलिक एसिड लेने की सलाह सभी डॉक्टर देते हैं। आप इसका सेवन डॉक्टर के परामर्श पर कंसीव करने से पहले भी कर सकती हैं।
4. जरूरी टेस्ट करवाएं
डायबिटीज के मरीजों में किडनी और अन्य बीमारियों का रिस्क बहुत ज्यादा होता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि डायबिटीज से पीड़ित महिला कंसीव करने से पहले सभी जरूरी मेडिकल टेस्ट करवाएं। इसमें किडनी और आई टेस्ट जरूर शामिल करें। आपको बता दें कि डायबिटीज के कारण आंखों में धुंधलापन और आंखें कमजोर हो सकती हैं।
5. लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करें
लाइफस्टाइल में अच्छी आदतों को शामिल करें, जैसे नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, सोने का पैटर्न सुधारें, लेट नाइट वर्क कल्चर को खत्म करें और डाइट में भी हेल्दी चीजों को शामिल करें।
ध्यान दें: ये सलाह सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य से दी गई है। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।