महिलाएं हर किसी क्षेत्र में आज तरक्की हासिल कर रही हैं। चाहे वह देश के लिए मेडल लाना हो या फिर किसी खिताब पर अपना नाम लिखना हो। हर किसी क्षेत्र में वह अपनी कामयाबी और एक नया मुकाम हासिल करती हुई दिख रही हैं। ऐसा ही कुछ अब भारत की 37 साल की शेफ गरीमा अरोड़ा के साथ हुआ है। उनके रेस्तरां गा को पॉपुलर मिशेलिन स्टार से सम्मानित किया गया है। ऐसे में वह इतनी कम उम्र में सम्मानित होने वाली पहली भारतीय महिला शेफ बन गई हैं। बैंकॉक में रेनोवेटेड ट्रेडिशनल थाई हाउस में मौजूद एक मॉर्डन इंडियन फाइन डाईनिंग रेस्टोरेंट गा को 2018 में भी एक मिशेलिन स्टार मिला था। ऐसे में दूसरी बार दोबारा ने होटल को मिशेलिन स्टार मिलना किसी उपलब्धि से कम नहीं है।
बहुत ही खास है रेस्टोरेंट का मेन्यू
गा रेस्टोरेंट का अभी का मेन्यू स्वाद, टेक्सचर और इंग्रीडिएंट्स का एक मिश्रण है जो सारे भारत के असीमित व्यंजनों से प्रेरित है। गाइड में यह बताया गया है कि यह मेन्यू अपने कई सारी छोटी-छोटी बाइट्स में पारंपरिक भारतीय खाना पकाने की तकनीकों को लोकल इंग्रीडिएंट्स के साथ-साथ जोड़कर आपको एक नए और अनोखे तरीके से भारत के स्वाद की यात्रा करवाता है।
रेस्टोरेंट्स के नाम है कई सारी उपलब्धियां
आपको बता दें कि गा ने हाइएस्ट न्यू एंट्री अवॉर्ड के साथ एशिया के 50 बेस्ट रेस्टोरेंट्स में 16वें नंबर पर अपनी शुरुआत की और कुछ ही समय बाद इस रेस्टोरेंट ने विश्व के बेस्ट रेस्टोरेंट की लिस्ट में 95वें नंबर पर जगह बना ली। गा वर्तमान समय में एशिया के 50 बेस्ट रेस्टोरेंट 2020 की लिस्ट के अनुसार, 33वें स्थान पर है।
एक खास अवॉर्ड है मिशेलिन स्टार
मिशेलिन स्टार एक फेमस पाककला का अवॉर्ड है जिसे सावधानी पूर्वक और बहुत ही मुश्किल मूल्यांकन प्रक्रिया के अनुसार तय किया जाता है। मिशेलिन गाइड के जो इंस्पेकर्ट्स इन्हें देते हैं उनके बारे में किसी को भी कोई जानकारी नहीं होती। ये स्टार्स इंग्रीडिएंट्स की गुणवत्ता, कलनरी स्किल्स, क्रिएटिविटी और स्थिरता पर फोकस करते हैं।
पंजाबी परिवार में जन्मी हैं गरिमा अरोड़ा
गरिमा अरोड़ा का जन्म पंजाबी परिवार में हुआ था और उन्हें बचपन से ही खाने-पीने का बहुत शौक था। उनके पिता का नाम अनिल अरोड़ा और मां का नाम नीतू अरोड़ा है। उनका खाने से शुरु से ही बहुत प्यार था और वह अपने घर की रसोई में कई तरह-तरह के पकवान बनाते थे।
अपनी हॉबी को बनाया पैशन
आपको बता दें कि गरिमा को खाना बनाने का बहुत शौक था इसलिए कुछ समय के बाद उन्होंने साल 2017 में एक इनवेस्टर की मदद से बैंकॉक में ही गगन आनंद के रेस्तरां के सामने एक तीन मंजिला खुद को रेस्तरां खोला और उसका नाम गा रखा।