बरसाती मौसम में मच्छरों के काटने से मलेरिया और डेंगू होना आम है, जिन्हें जिन्हें वेक्टर बॉर्न डिजीज कहा जाता। मगर, कई लोगों को लगता है कि मच्छरों के काटने से एचआईवी और एड्स जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। लोगों को लगता है कि जब HIV या AIDS इंफेक्टेड इंजेक्शन से फैल सकता है तो मच्छरों से क्यों नहीं? चलिए जानते हैं इस बारे में क्या है एक्सपर्ट की राय...
क्या मच्छरों से फैलता है AIDS या HIV?
एक्सपर्ट के मुताबिक, एचआईवी और एड्स मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह वायरस मच्छरों में जिंदा नहीं रह पाते। जब मच्छर इंफेक्ट व्यक्ति का खून चूसते हैं तो उसके साथ वायरस भी मच्छरों को पच जाता है इसलिए इंफेक्टेड व्यक्ति को काटने के बाद अगर वही मच्छर स्वस्थ व्यक्ति का काट लेता है तो उससे वायरस ट्रांसफोर्म नहीं होता।
मच्छर नहीं करता HIV इन्फेक्टेड ब्लड ट्रांसमिट
मच्छरों के डंग के 6 हिस्से होते हैं, जिसमें से 4 वह व्यक्ति या जानवर का खून चूसने के लिए इस्तेमाल करते हैं। वहीं बाकी 2 पार्ट्स ट्यूब्स होते हैं, जिसमें से एक से मच्छर खून खींचते हैं और दूसरी ट्यूब से सैलाइवा यानि लार ह्यूमन बॉडी में ट्रांसमिट करते हैं। इन्हीं 2 सिस्टम के कारण HIV वायरस इंसानों में ट्रांसमिट नहीं होता। मच्छर के काटने सिर्फ सैलाइवा ही ट्रांसमिट होता है, जो संक्रमण नहीं फैलाता।
मच्छरों में नहीं होते T सेल्स
इंसानों के खून में टी-सेल्स या सीडी4 सेल्स होते हैं, जो वायरस व बैक्टीरिया से लड़कर उसे खत्म कर देता है। लेकिन मच्छरों के शरीर में यह सेल्स नहीं होते, जिससे उन्हें लड़ने का मौका नहीं मिलता और वो जल्दी पच जाते हैं। यह भी एक वजह है कि जिससे मच्छर HIV या AIDS का संक्रमण नहीं फैला सकते।
कैसे होता है एड्स
एच.आई.वी या एड्स छूने या इंफेक्टिड व्यक्ति के साथ खाना खाने, हाथ मिलाने से नहीं फैलता। यह वायरस संक्रमित खून, असुरक्षित शारीरिक संबंध, इंजेक्शन के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे में ट्रासमिट होती है। इसके अलावा यह वर्टिकल ट्रांसमिशन यानि...
- गर्भवती महिला में HIV वायरस होने से बच्चा भी संक्रमित हो सकता है
- पीड़ित मां द्वारा बच्चे को स्तनपान करवाने से वायरस ट्रासमिट हो सकता है।