उम्र के एक पड़ाव पर पहुंचकर माता-पिता अपने बच्चों पर काफी निर्भर हो जाते हैं। वहीं 60 साल की उम्र पार करते ही बुजुर्गों में हेल्थ प्रॉब्लम्स भी काफी बढ़ जाती है। ऐसे में माता-पिता की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों से निपटने के लिए बच्चों को पूरी तैयारी करनी चाहिए।
आपके इस काम में हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) आपकी मदद कर सकता है। रिसर्च के अनुसार, पेरेंट्स को स्वयं और उनके बच्चों को भी बुजर्ग माता-पिता के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए हेल्थ इंश्योरेंस बेहतरीन ऑप्शन है।
मध्यम वर्ग के लोगों को परिवार में सभी चीजें प्रबंधित करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे पॉलिसी लेकर आप आपातकाल की स्थिति में मेडिकल खर्च व नकदी के जोखिम से खुद को बचा सकेंगे। वहीं इससे पेरेंट्स को बढ़िया मेडिकल हेल्प भी मिलेगी। वहीं जो बच्चे अपने पेरेंट्स से दूर रहते हैं उनके लिए भी माता-पिता का ख्याल रखना मुश्किल हो जाता है। ऐसे वृद्ध पेरेंट्स की देखभाल करने के लिए पास में कोई मौजूद नहीं रहता है। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस एक बढ़िया प्लान है, जिससे आप दूर रहते हुए भी अपने माता-पिता की देखभाल कर सकते हैं।
अगर आप बूढ़े हो रहे माता-पिता के लिए नई पॉलिस नहीं खरीद सकते तो आप उन्हें अपनी पॉलिसी में शामिल कर सकते हैं। इससे आपको पॉलिसी की जानकारी समझने में भी फायदा होगा। वहीं माता-पिता भी इसे आसानी से समझ पाएंगे।
ऐसे में अगर आपने अपने माता-पिता के लिए अब तक हेल्थ पॉलिसी नहीं खरीदी है तो जल्द खरीद लें। मगर, स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लेते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है।
1. हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त ध्यान से देखें कि पॉलिसी में क्या-क्या शामिल हैं। ध्यान रखें कि पॉलिसी में हार्ट प्रॉब्लम, कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर बीमारियों के लिए पेमेंट की शर्त नहीं होनी चाहिए। वहीं, एयर एम्बुलेंस, डे केयर, ओपीडी, जैसी सुविधा होने से बुजुर्ग माता-पिता के लिए काफी मददगार साबित हो सकती है।
2. पॉलिसी लेते वक्त उनसे अपनी पुरानी बीमारी को छुपाए नहीं। ऐसा ना सोचे की कंपनी पुरानी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को कवरेज नहीं देगी। ऐसी कई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां हैं जो कवरेज दे सकती हैं यदि बीमारी बहुत गंभीर न हो।
3. सीनियर सिटीजन के लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते वक्त पुरानी बीमारियों का खुलासा जरूरी है जिससे क्लेम रिजेक्ट होने से बचा जा सके।
4. फ्लोटर या व्यक्तिगत पॉलिसी चुनते समय सावधान रहें। फ्लोटर पॉलिसी में सबसे अधिक आयु वाले व्यक्ति की उम्र के आधार पर प्रीमियम बनाया जाता है। इसके तहत बीमा का क्लेम करने के बाद उस पॉलिसी के कवरेज की रकम उतनी घट जाती है। जबकि व्यक्तिगत पॉलिसी में ऐसा नहीं होता।
5. बुजुर्गों के लिए पहले से मौजूद बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड 1 से 4 साल तक का होता है। बुजुर्गों को ऐसी पॉलिसी लेनी चाहिए, जिसमें पुरानी बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड सबसे कम हो।
6. कभी भी किसी एक कंपनी से सीधे पॉलिसी ना करवाएं। इसमें बहुत ज्यादा प्रीमियम देना पड़ सकता है। हमेशा उसकी तुलना 3-4 कंपनियों से करें।
7. बैंक के माध्यम से हेल्थ पॉलिसी खरीदने से नुकसान भी हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बैंक व इंश्योरेंस कंपनी के बीच कॉन्ट्रेक्ट खत्म होने पर आप पॉलिसी को रिन्यू नहीं करावा पाएंगे।