लड़कियों के साथ अपराध के मामले रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। देश का कोई भी राज्य हो लेकिन लड़कियों की सुरक्षा आज भी कहीं नहीं है। आए दिन बढ़ रहे रेप के मामलों ने देश में लड़कियों की सुरक्षा के बारे में तो बता ही दिया है लेकिन बात रेप तक नहीं बल्कि अपराध के खिलाफ इंसाफ न मिलने के कारण भी लड़कियां सुसाइड कर रही हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से एक ऐसा ही मामला सामने आया जहां एक लॉ स्टूडेंट ने फांसी लगातर आत्महत्या कर ली।
अपहरण कर किया गैंगरेप
छात्र द्वारा लिखा गया एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है। बरामद किए गए सुसाइड नोट में छात्र ने अपने साथ हुई आपबीती बताई है। दरअसल पीड़ित लड़की का यह आरोप है कि बीती अक्टूबर को कमरुद्दीन नाम के युवक ने अपने दोस्तों के साथ उसका अपहरण कर गलत काम (रेप) करने की कोशिश की थी जिसकी लड़की ने अनूपशहर कोतवाली में शिकायत भी की थी लेकिन इसके बाद आरोपी ने उससे माफी मांग ली थी और शादी करने का वायदा किया था।
लड़के ने बनाए संबंध तो दोस्तों ने रिकॉर्ड किया वीडियो
सुसाइड नोट में युवती ने लिखा कि आरोपी के माफी मांगने के बाद उसने उसे माफ कर दिया था। युवती ने आपबीती सुनाते हुए सुसाइड नोट में आगे लिखा 16 अक्टूबर को कमरुद्दीन ने उसे बहला-फुसलाकर मिलने के लिए बाहर बुलाया और अपने दोस्तों के साथ उठाकर ले गया। वहां जाकर उसने संबंध बनाने के लिए कहा और वहीं उसके दोस्तों ने उसकी वीडियो बनाई जिसके बाद दोस्तों ने भी उसे वीडियो दिखाकर संबंध बनाने के लिए मजबूर किया।
रेप के बाद बेसहारा छोड़ दिया
इसके बाद दोनों दोस्तों ने जबरदस्ती की और फिर आरोपियों ने यह कह कर छोड़ दिया कि अब वो उसके किसी काम की नहीं है। अब वो उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती है। खबरों की मानें तो पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने 24 अक्टूबर को मुकदमा दर्ज करने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की।
इंसाफ मिलता न देख पीड़िता ने लगाया फंदा
पुलिस के कोई कार्यवाई न करने पर और इंसाफ न मिलता देख पीड़ित युविका ने फांसी लगा ली और खुद के जीवन को खत्म कर लिया। वहीं पीड़िता के पिता की मानें तो तीन युवकों ने पीड़िता के साथ गलत काम किया लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं हुई तो बेटी ने सोमवार को आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
इस तरह की घटनाओं से लड़कियों की सुरक्षा पर तो सवाल उठ ही रहे हैं साथ ही प्रशासन पर भी कईं तरह के सवाल उठते हैं कि आखिर क्यों कार्यवाई करने में देरी की गई।