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चीन से ब्यूबोनिक प्लेग पहुंचा अमेरिका, मंडरा रहा एक ओर खतरा

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 16 Jul, 2020 02:54 PM
चीन से ब्यूबोनिक प्लेग पहुंचा अमेरिका, मंडरा रहा एक ओर खतरा

कोरोना वायरस ने जहां पूरी दुनिया में हड़कंप मचा रखा है वहीं दूसरी ओर एक नई जानलेवा बीमारी का खतरा मंडरा रहा है। दरअसल, उत्तरी चीन के हॉस्पिटल में ब्यूबोनिक प्लेग नामक बीमारी का मामला सामने आया है।
इस बीमारी के चलते मंगोलिया में 15 वर्षिय लड़की की जान भी चली गई है, जिसके बाद से वहां हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

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यही नहीं, मरने वाले व्यक्ति के संपर्क में आए 15 लोगों क्वारंटीन भी कर दिया है और स्वास्थ्यकर्मी द्वारा उनपर नजर रखी जा रही है। पहला मामला सामने आने के बाद से ही चीन में चेतावनी दे दी गई है और साथ ही 5-6 जिलों में पावंदियां भी लगा दी गई है।

चीन से अमेरिका पहुंची बीमारी

यही नहीं, अमेरिका के कोलोराडो में भी एक गिलहरी के ब्यूबोनिक प्लेग से संक्रमित होने का मामला सामने आया है, जिसने अमेरिकी वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। वैज्ञानिकों को डर है कि कहीं कोरोना के बाद चीन से आई ब्यूबोनिक प्लेग बीमारी दुनियाभर में फैल ना जाए। हालांकि कोलोराडो में लोगों को अलर्ट कर दिया गया है कि और घरों से चूहों, गिलहरियों व नेवलों को दूर रखने के लिए कहा जा रहा है।

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गिलहरी से फैलती है बीमारी

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, यह बीमारी मर्मोट नामक जीव से फैलती है, जो गिलहरी प्रजाति का होता है। माना जा रही है, लड़ने ने मर्मोट खाया होता, जिससे वो इस बैक्टीरिया की चपेट में आ गया होगा। हालांकि इस बारे में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

कैसे होती है यह बीमारी?

विशेषज्ञों के मुताबिक, ब्यूबोनिक प्लेग जंगली चूहों या गिलहरी के मरने के बाद इंसानों में फैलता है। प्लेग के बैक्टीरिया पिस्सुओं के काटने से इंसानी शरीर में आते हैं और खून ब्लड में मिल जाते हैं। यर्सिनिया पेस्टिस बैक्टीरिया से होने वाली यह बीमारी लिंफ नोड्स, खून और फेफड़ों पर असर करती है। शरीर में गिल्टियां निकलने के कारण इस बीमारी को गिल्टीवाला प्लेग भी कहा जाता है।

ब्यूबोनिक प्लेग के लक्षण

. तेज बुखार
. शरीर में असहनीय दर्द
. नाड़ी तेज चलना
. नाक और उंगलियां भी काली पड़ना
. उंगलियां सड़ना
. 2-3 दिन में शरीर में गिल्टियां बनना, जो 14 दिन तक पक जाती है

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कोई वैक्सीन भी नहीं

महामारी होने के बावजूद भी इस प्लेग की अभी तक कोई वैक्सीन तैयार नहीं की जा सकी है। इसकी वैक्सीन खोजने के लिए वैज्ञानिक अभी भी प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में अगर यह बीमारी फैल जाती है तो दुनिया के लिए एक संकट खड़ा हो जाएगा।

'ब्लैक डेथ' से पहले भी जा चुकी जानें

ब्यूबोनिक प्लेग यानि 'ब्लैक डेथ' नाम की यह बीमारी काफी पुरानी है, जो तीन बार बड़े स्तर पर फैल चुकी है। इसके कारण पहली बार 5 करोड़, दूसरी बार यूरोप में एक तिहाई आबादी और तीसरी बार करीब 80 लोगों ने अपनी जान गवाई थी। भले ही यह पुरानी महामारी हो लेकिन अभी भी इसके मामले सामने आते रहते हैं। साल 1994 में भारत में इस संक्रमण के करीब 700 मामले आए थे, जिसमें से 52 लोगों की मौत हो गई थी।

आपको बता दें कि 6वीं और 8वीं शताब्दी में इसे 'प्लेग ऑफ जस्टिनियन' कहा जाता था। तब इसके कारण करीब 5 लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी, जिसके बाद से इसे 'ब्लैक डेथ' नाम दिया गया।

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