कोरोना के बीच सामने आई एक नई बीमारी 'ब्लैक फंगस' ने अब लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। वहीं इस बीमारी से बचाव के लिए डॉक्टर्स और एक्सपर्ट लगातार अपनी कोशिशों में लगे हुए हैं।
वहीं एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई है कि कोविड-19 के इलाज में जिंक का इस्तेमाल म्यूकरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस का कारण हो सकता है। इससे पहले कई एक्सपर्ट्स इस फंगल इंफेक्शन के पीछे का अहम कारण स्टेरॉयड को बता चुके हैं। फिलहाल इस बीमारी के वास्तविक कारण का पता चलना अभी बाकी है।
बतां दें फंगल इंफेक्शन विशेष रूप से कोविड-19 से उबर चुके मरीजों में पाया जा रहा है।
जिंक और आयरन है शरीर में ब्लैक फंगस के बढ़ने का कारण-
एक न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर राजीव जयदेवन ने बताया कि शरीर में जिंक और आयरन की मौजूदगी ब्लैक फंगस का कारण बनने वाली फंगी को बढ़ने का मौहाल प्रदान करती है। साथ ही उन्होंने कहा कि ठोस जवाबों के लिए जिंक और माइकम्यूकोसिस के बीच कड़ी की जांच होनी चाहिए।
ब्लैक फंगस की प्रकृति मल्टी-फैक्टोरियल है-
रिपोर्ट में पब्लिक हेल्थ फाउडेंशन ऑफ इंडिया के लाइफ कोर्स ऑफ ऐपेडेमियोलॉजी के प्रमुख प्रोफेसर गिरिधर बाबू ने बताया कि ब्लैक फंगस महामारी को लेकर कई हाइपोथीसिस हैं और सबसे अधिक संभावना है कि इसकी प्रकृति मल्टी-फैक्टोरियल है। हो सकता है कि इसका कारण मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई या गंभीर बीमारियां हों।
स्टेरॉयड भी है बड़ा कारण-
बतां दें कि इससे पहले नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि म्यूकरमाइकोसिस में स्टेरॉयड की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता, पहले से ही स्टेरॉयड देना, स्टेरॉयड के ज्यादा डोज देना और लंबे समय तक स्टेरॉयड देना तर्कहीन है। पॉल ने कहा कि स्टेरॉयड कोविड-19 के इलाज में मददगार है और इसे 'चमत्कारी दवा' भी कहा जा रहा है, लेकिन गलत डोज ब्लैक फंगस के जोखिम को बढ़ा देता है।
जानिए क्या है ब्लैक फंगस?
अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, म्यूकरमाइकोसिस यानि की ब्लैक फंगस एक गंभीर, लेकिन दुर्लभ संक्रमण है। इसका मुख्य कारण म्यूकरमाइसीट्स नाम के मोल्ड्स के समूह से होता है. ये मोल्ड्स पूरे पर्यावरण में रहते हैं। ये बीमारी आमतौर पर उन लोगों को हो रही है, जो ऐसी दवाएं ले रहे हैं, जो जर्म्स और बीमारियों से लड़ने की शरीर की क्षमता को कम करती हैं।
जानिए इसके लक्षण
मेदांता के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहन के अनुसार, नाक में भराव या दर्द, मुंह में फंगस का धब्बा, आंख के नीचे सूजन आदि कोविड की वजह से होने वाले म्यूकरमाइकोसिस के पहले लक्षण हैं। ऐसे लक्षण सामने आने पर तेज मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है।
ब्लैक फंगस से बचने के लिए क्या करें
-डॉक्टर नरेश त्रेहन के अनुसार, डायबिटीज पर नियंत्रण और स्टेरॉयड का विवेकपूर्ण इस्तेमाल ब्लैक फंगस को रोकने का मुख्य तरीका है।
-कोरोना होने के बाद ब्लैक फंगस से बचने के लिए मुंह की सफाई बनाए रखें , इसके लिए कुल्ला करने की आदत डालें।
-कोरोना के मरीजों को जो दवाएं दी जाती हैं उनसे मुंह में बैक्टीरिया और फंगस का खतरा बढ़ता है, ऐसे में दिन में 2 से 3 बार ब्रश करना जरूरी है।
-कोरोना से रिकवर होने वाले लोग ब्लैक फंगस से बचने के लिए अपने टूथब्रश और टंग क्लीनर को साफ और बैक्टीरिया फ्री रखें।