बदलते मौसम मे अकसर शारीरिक समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसलिए मौसम के साथ, शरीर को फिट रखना अपने आप में एक चैलेंज है। आयुर्वेद के अनुसार बदलते मौसम में ऐसी कई चीजे है जिनसे हमें दूरी बना कर रखनी चाहिए। मौसम बदलने पर खाने-पीने की चीजों का ध्यान रखा जाना चाहिए। ऐसे में 23 अगस्त से भाद्रपद मास शुरू हो गया है। इसका धार्मिक महत्व के अलावा सेहत पर भी असर होता है। इसलिए इस महीने कौन-सी चीजें नहीं खानी चाहिए, आईए जानते हैं इसके बारे में-
पत्तेदार सब्जियों से करे परहेज
आयुर्वेद के अनुसार भादो के महीने में पत्तेदार सब्जियों से परहेज करना चाहिए। क्योंकि भादो में वात बढ़ जाता है और उसी महीने में पित्त होने लगता है। वहीं बारिश का मौसम होने के कारण हरी पत्तेदार सब्जियों में बैक्टीरियां फैलने का डर रहता है।इसलिए इसे खाना स्वास्थ के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है।
दही से रहे दूर
आयुर्वेद के अनुसार, भादो के महीने में दही सहित किण्वित किसी भी चीज से बचना चाहिए क्योंकि जब पीता बढ़ जाती है तो स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी खड़ी हो जाती है इसलिए दही से भी परहेज करे।
खमीर चीज़ों से रहे दूर
बरसाती मौसम में ज्यादातर जमीन के कीड़े सतह पर आ जाते हैं और हरी पत्तेदार सब्जियों में बैक्टरीया फैल जाता है। कई बार इनकी उपस्थिति मानव शरीर के लिए भी जहरीली साबित हो सकती हैं। इसके अलावा भादो के दौरान डोसा, इडली या ढोकला आदि खमीर युक्त चीज़ों से दूर बना कर रखें इन्हें डाइट में कम ही शामलि करे।
व्हाइट चीज़ों से भी रहे दूर
भादो का महीना यानि की अगस्त-सितम्बर के दौरान सफेद चीज़ो से दूर रहे जैसे कि छाछ, दही और इससे बनी चीजें नहीं खाना चाहिए। इससे हाजमा खराब हो सकता है। भादो में तिल का उपयोग कर सकते हैं।