बंसत पंचमी के त्योहार से ही वसंत ऋतु की शुरूआत मानी जाती है और इस बार यह त्योहार 16 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन लोग खासतौर पर पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं और पीले रंग के पकवान बनाते हैं।
कला की देवी सरस्वती का प्रिय रंग
बंसत पंचमी को श्री पंचमी भी कहते हैं और इस दिन कला की देवी सरस्वती की आराधना की जाती है। कला से जुड़े नए काम की शुरुआत व गृहप्रवेश के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यताओं के अनुसार, विद्या की देवी मां सरस्वती शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुई थीं अर्थात जन्म हुआ था। वहीं पीला कपड़ा पहनना एक तरह से प्रकृति के रुप में ही मिल जाने का प्रतीक है। शुद्धता, सादगी, निर्मलता और सात्विक प्रवृति का प्रतीक पीला रंग पूजा पाठ में खास अहमियत रखता है। मां सरस्वती को भी पीला रंग अति प्रिय है।
ट्रडीशनल फेस्टिव को दें मॉडर्न टच
भारत के इस पारंपरिक त्योहार को आप ट्रडीशनल, वेस्टर्न और इंडो-वेस्टर्न का टच देकर अपने ही अंदाज में मना सकते हैं। पीले रंग में आपके पास ड्रेसेज कैरी करने के ढेरों ऑप्शन हैं। बॉलीवुड दीवाज के फैशन सेंस से थोड़ा आइडियाज लेकर आप साड़ी, शरारा सूट, लंहगा, मेक्सी फ्रॉक आदि इस खास दिन के लिए चूज कर सकती हैं।
हर स्किन टोन पर खिलता है पीला रंग
पीला रंग ऐसा है जो हर स्किन टोन पर खिलता है और अलग ही ग्रेस के साथ उभरता है। यैलो के भी आपको बहुत सारे शेड्स मिलेंगे। लेमन, मस्टर्ड, गोल्ड, ब्राइट यैलो आदि डिफरेंट शेड्स का चुनाव आप अपनी पंसद के हिसाब से कर सकते हैं।
इस साल का कलर ऑफ द ईयर भी ब्राइट यैलो को ही चुना गया है। हाल ही में गौहर खान शादी के बंधन में बंधी और वेडिंग फंक्शन्स के लिए ज्यादातर पीले रंग की ड्रेसेज का चुनाव किया।
कंट्रास्ट का भी ऑप्शन
ऑल ओवर यैलो नहीं पहनना चाहते तो आप कंट्रास्ट का ऑप्शन भी रख सकते हैं जैसे व्हाइट सूट के साथ यैलो दुप्ट्टा। ड्रेस में यैलो का चयन नहीं कर पा रहे तो उसकी जगह हेयर एक्सेसरीज, फुटवियर या हैंडबैग को इसकी जगह दें।
येलो सैंडल और बैग को भी दें येलो टच।