देश में आई कोरोना की दूसरी लहर इस समय सुनामी की तरह अपना प्रकोप दिखा रही हैं। वहीं, इस बीच इटली के वैज्ञानिकों ने कोरोना के बाद शरीर में बनने वाली एंटीबॉडीज को लेकर एक बड़ी जानकारी दी है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, कोरोना से ठीक होने के आठ महीने बाद तक मरीज के खून में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज रहती है। कोरोना मरीजों पर लगातार नजर रख रहे शोधकर्ताओं के अनुसार, शरीर में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज बने रहने तक वायरस का खतरा खत्म हो जाता है।
मिलान के सैन राफेल अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना मरीजों में जो एंटीबॉडीज बनता है वह मरीज की उम्र, किसी बीमारी की चपेट में आने के बावजूद खून में मौजूद रहता है। ऐसे में मरीज को किसी भी वायरस से बीमार होने का खतरा काफी कम हो जाता है।
इटली के ISS नेशनल हेल्थ इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर काम कर रहे शोधकर्ताओं ने इस स्टडी के लिए कोरोना वायरस के लक्षण वाले करीब 162 मरीजों का चुनाव किया था। इनके ब्लड सैंपल सबसे पहले पहले मार्च और अप्रैल में लिए गए। इसके बाद जो मरीज कोरोना की जंग जीत चुके हैं उनके ब्लड सैंपल नवंबर में दोबारा लिए गए।
ISS के साथ साझा बयान में शोधकर्ताओं ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अगले आठ महीनों तक इन मरीजों के शरीर में बीमारी से लड़ने वाले एंटीबॉडीज पाए गए।