नारी डेस्कः फेमस रिएलिटी शो बिग बॉस 18 का फैंस को बेसब्री से इंतजार है और धीरे धीरे यह खबरें भी सामने आ रही हैं कि इस शो में इस बार कौन कौन दिखने वाला है। कुछ दिन पहले खबरें आई थी कि बिग बॉस 18 के लिए अनिरुद्धाचार्य जी महाराज (Aniruddhacharya Ji Maharaj) को अप्रोच किया गया था। खबर सुनकर उनके चाहने वालों की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा क्योंकि गुरुजी के वन लाइनर्स और उनकी कही बातों के क्लिप सोशल मीडिया पर खूब वायरल होते हैं। बहुत से लोग उन्हें मानते हैं और कुछ उनकी मजेदार बातों को ही सुनना पसंद करते हैं।
बड़ी बात यह है कि सलमान खान के इस होस्टेड शो में अगर अनिरुद्धाचार्य जी जाते हैं तो शो की TRP को तो जबरदस्त बूस्ट मिलेगा लेकिन महाराज ने यह ऑफर ठुकरा दिया है। ये सुनकर काफी लोग निराश भी हुए लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों किया। इसके पीछे की वजह उन्होंने अपने ही एक कार्यक्रम में कथा वाचन के दौरान बताई कि आखिर उन्होंने शो के लिए मना क्यों कर दिया।
अनिरुद्धाचार्य जी ने कथा वाचन के दौरान बताया कि, “बिग बॉस में मुझे बुलाया, कि गुरुजी आप आइए। करोड़ों रुपये का ऑफर है। लेकिन मैंने उसे ठुकरा दिया, मैंने स्वीकार नहीं किया। क्योंकि वह मेरी संस्कृति और संस्कारों से मैच नहीं कर रहा। पैसा मायने नहीं रखता, मेरे संस्कार मायने रखते हैं। मैंने कहा कि वो जो बिग बॉस है, प्रोग्राम है, वहां पर गाली-गलौच वाले लोग रहते हैं। वो संस्कारी लोग नहीं होते। इसलिए मेरा वहां जाना सही नहीं होगा इसलिए मैंने उस ऑफर को ठुकरा दिया।”
अनिरुद्धाचार्य जी महाराज वहां जाना अपने संस्कारों और उनकी संस्कृति के खिलाफ मानते हैं और बिग बॉस को अच्छी जगह नहीं मानते लेकिन उनकी वीडियो के कमेंट सेक्शन में पब्लिक ने कई तरह के कमेंट्स किए हैं। वीडियो में अनिरुद्धाचार्य जी ने कहा, “अगर पैसों का लालच होता तो करोड़ों का ऑफर था, मैं कर लेता। लेकिन नहीं, मेरा धर्म, मेरी संस्कृति, मेरे संस्कार पैसों से आगे हैं।” कुछ लोग तो गुरू जी की जमकर तारीफ कर रहे हैं तो कुछ सोशल मीडिया यूजर ने ये भी लिखा कि, “आप बिग बॉस में इसलिए नहीं गए क्योंकि वहां पर आप एक्सपोज हो जाएंगे।” एक फॉलोअर ने लिखा, “अरे गुरुजी वहां नॉन वेज खाना भी एक ही किचन में बनता है। बड़ा मुश्किल काम हो जाता आपके लिए।” एक शख्स ने कमेंट किया, “वहां आपकी सारी पोल खुल जाती गुरुजी”
खैर इस बारे में तो हमें कुछ नहीं करना लेकिन आपको क्या लगता है गुरू जी महाराज को बिग बॉस में जाना चाहिए था या उनका वहां ना जाने का फैसला सही है। वैसे महाराज जी कुछ समय पहले लाफ्टर शेफ में पहुंचे थे जहां उन्होंने मखाना खीर बनाई थी।
अनिरुद्ध आचार्य जी का जीवन परिचय
चलिए आपको अनिरुद्ध आचार्य जी की जीवनी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं। अनिरुद्धाचार्य जी महाराज मोटिवेशनल स्पीकर हैं। बहुत से लोग उनकी कथाएं और बातें सुनना पसंद करते हैं। बहुत से लोगों के मन में सवाल है कि अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज एक कथा सुनाने या करने के लिए कितनी फीस लेते है तो बता दें कि वह एक कथा के लिए करीब 7 से 10 लाख रू. लेते हैं।
उनकी पर्सनल शुरूआती लाइफ के बारे में बात करें तो बता दें कि प्रसिद्ध कथावाचक श्री अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज का जन्म 27 सितम्बर 1989 को मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुआ था।वह दामोही (दमोह) जिले के रिवझा के रहने वाले हैं। श्री अनिरुद्धाचार्य जी के पिता का नाम श्री अवधेशानंद गिरि है, वह भी अपने समय में भागवत-आचार्य रहे हैं। अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज की बचपन से ही भगवान में भक्ति और रुचि थी। वे नियमित रूप से अपने गांव में श्री राधा कृष्ण मंदिर में जाकर ठाकुर जी की पूजा करते थे। उनका परिवार पहले से ही गौ भक्त रहा है। पारंपरिक गौ भक्त होने के कारण महाराज जी को गाय की सेवा करना बहुत पसंद है। आज भी वे गौ सेवा में लगे हुए हैं। गाय के बछड़े चराते समय वह साथ में हनुमान चालीसा और गीता भी ले जाते थे। वे नियमित रूप से इसका पाठ करते थे और अपने सहपाठियों
को भी सुनाते थे। अनिरुद्धाचार्य जी के गुरु का नाम श्री गिर्राज शास्त्री जी महाराज है।
शादी को लेकर ज्यादा जानकारी तो नहीं लेकिन मिली जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि वह शादीशुदा है और उनके भक्त, उनकी पत्नी को गुरू मां कहते हैं। उनके दो बच्चे भी हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी इसलिए उनका शैक्षिक जीवन भी प्रभावित हुआ। हालाँकि महाराज जी अपनी स्कूली शिक्षा पूरी नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने कई अन्य तरीकों से अपने ज्ञान को उच्च स्तर तक ले जाने का प्रयास किया। उन्होंने संस्कृत के साथ-साथ सनातन धर्म के सभी शास्त्रों का अध्ययन किया और महाराज जी ने इन सभी धार्मिक शास्त्रों की शिक्षा अपने गुरु संत गिरिराज शास्त्री जी महाराज के मार्गदर्शन में ली।
श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज हमेशा भक्तों को सिर्फ भागवत मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं और उन्हें सनातन धर्म से जुड़े ज्ञान से भी अवगत कराते हैं। वह लोगों को धर्म के मार्ग पर चलते और हिंदू धर्म के प्राचीन इतिहास से लोगों को अवगत कराते हैं। यह सारी जानकारी इंटरनेट के माध्यम से दी गई है।