कोरोना वायरस महामारी में किसी देश के नेतृत्व की काबिलियत को देखना है तो उन देशों को देखिए जहां महिलाएं सुप्रीम लीडर हैं। हम बात कर रहे हैं फिनलैंड की, जिसकी भागदौड़ प्रधानमंत्री सना मारिन की हाथों में हैं। आइए जानते हैं कि यह महिला लीडर इस संकट की घड़ी में कैसे संभाल रही है देश...
फिनलैंड की प्रधानमंत्री, 34 वर्षीय सना मारिन (Sanna Marin) दुनिया की सबसे युवा नेता हैं। वह पिछले साल दिसंबर में ही देश की लीडर चुनी गईं। पद संभालते ही उनके सामने कोरोना वायरस चुनौती बनकर आया, जिसे उन्होंने बखूबी संभाला। आकड़ों को देखें तो यूरोप के बाकी हिस्सों की तुलना में फिनलैंड की मृत्यु दर काफी कम है।
सना दुनिया की सबसे युवा नेताओं में से एक हैं। सना ने वक्त रहते वो तमाम उपाय किए जिसकी बहुत जरूरत थी। नतीजा यह रहा कि 55 लाख की आबादी में केवल 3,489 लोग कोरोना संक्रमित है। वहीं यहां मौत का आकड़ा 75 और कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या 1,700 है।
उन्होंने कोरोना का पहला मामला सामने आते ही लोगों को तथ्यपरक जानकारियों द्वारा जागरूक किया। यही नहीं, उन्होंने समाज के हर वर्ग से ज्यादा से ज्यादा कोरोना को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने समय रहते स्कूलों, म्यूजियम, पुस्तकालयों और सार्वजनिक सभा स्थलों जैसी भीड़-भाड़ वाली जगहों को बंद करने का आदेश दे दिया था।
इसके अलावा उन्होंने बिना देरी किए यात्राओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, हर किसी को घर या अपने नगरपालिका के निवास पर लौटने का अधिकार भी दिया उन्होंने कहा कि आवश्यक यात्रा के लिए अपवाद बनाए जाएंगे, जिसमें किसी रिश्तेदार की मृत्यु या बाल मुलाकात की व्यवस्था जैसे मामले शामिल हैं।
कौन हैं सना मरीन
16 नवंबर, 1985 को फिनलैंड में जन्मी सना मरीन समलैंगिग कपल की बेटी है। उनकी दोनों मांएं बचपन में ही अलग हो गई थी। उन्होंने 2012 में प्रशासनिक विज्ञान में टैम्पियर विश्वविद्यालय से स्नातक किया, जिसके बाद उन्हें नगर परिषद के लिए चुना गया। वह 2013 से 2017 तक सिटी काउंसिल की चेयरपर्सन भी रहीं। वह 2015 में पहली बार संसद सदस्य बनीं। जून 2019 में वह सरकार में शामिल हुईं और उन्हें परिवहन और संचार मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया।