नारी डेस्क: महिलाओं के लिए पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द और बेजान त्वचा अक्सर परेशान करने वाले मुद्दे होते हैं। अगर इन दोनों समस्याओं का समाधान एक साथ हो जाए, तो यह जीवन को काफी आसान बना सकता है। एक प्रभावी घरेलू उपाय के रूप में, कद्दू के बीज, काले तिल और सूरजमुखी के बीज का मिश्रण शहद के साथ न केवल पीरियड क्रैंप्स को कम करता है, बल्कि त्वचा को भी निखारता है।
सामग्री
शहद: 1 चम्मच
कद्दू के बीज: 1 चम्मच
काले तिल के बीज: 1 चम्मच
सूरजमुखी के बीज: 1 चम्मच
उपाय बनाने और सेवन करने का तरीका
इन सभी बीजों को एक साथ मिलाकर और शहद के साथ सेवन करना एक प्रभावी उपाय है। इसके लिए 1 चम्मच कद्दू के बीज, 1 चम्मच काले तिल के बीज, 1 चम्मच सूरजमुखी के बीज और 1 चम्मच शहद को एक कटोरी में डालें और अच्छी तरह मिलाएं। यह मिश्रण न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद है। इसे सुबह या शाम नाश्ते के रूप में या खाने के बाद हेल्दी स्नैक के रूप में लिया जा सकता है। नियमित रूप से इसे सेवन करने से पीरियड क्रैंप्स में राहत और त्वचा की चमक में सुधार हो सकता है।
कद्दू के बीज
कद्दू के बीज मैग्नीशियम और जिंक से भरपूर होते हैं, जो हार्मोन को संतुलित करने में मदद करते हैं। ये पीएमएस (प्री-मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम) जैसे लक्षणों को कम कर सकते हैं, जिससे पीरियड क्रैंप्स में राहत मिलती है।
काले तिल के बीज
काले तिल के बीज में हेल्दी फैट्स और विटामिन होते हैं, जो त्वचा की लोच और हाइड्रेशन बढ़ाते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को कम करने में मदद करते हैं।
सूरजमुखी के बीज
सूरजमुखी के बीज में भी मैग्नीशियम, विटामिन ई, और सेलेनियम होते हैं, जो हार्मोन को संतुलित करने और ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं। ये बीज आपकी त्वचा के लिए भी फायदेमंद होते हैं।
शहद
शहद सिर्फ आपके मिश्रण को मिठा नहीं बनाता, बल्कि यह एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भी भरपूर होता है, जो आपके ओवरऑल हेल्थ को सपोर्ट करता है। यह तनाव हार्मोन यानी कोर्टिसोल को नियंत्रित रखने में भी मदद करता है।
सुझाव
पानी का सेवन बढ़ाएं
उचित हाइड्रेशन आपके शरीर में विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है और त्वचा को निखारता है। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने की कोशिश करें। यह न केवल किडनी के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, बल्कि यह शरीर में ऊर्जा के स्तर को भी बनाए रखता है। हाइड्रेटेड रहने से शरीर के अंगों की कार्यक्षमता बढ़ती है, जिससे त्वचा पर निखार आता है और डिहाइड्रेशन के कारण होने वाली समस्याएं कम होती हैं।
विटामिन और मिनरल्स
संतुलित आहार में फलों और सब्जियों को शामिल करें, जो आपकी त्वचा और हार्मोनल संतुलन के लिए लाभदायक होते हैं। फलों और सब्जियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, जैसे कि विटामिन सी और ई, त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियाँ और मौसमी फल आपके शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करते हैं और मेटाबॉलिज्म को सुधारते हैं, जिससे आपको अंदर से स्वस्थ महसूस होता है।
योग और व्यायाम
नियमित योग और व्यायाम पीरियड क्रैंप्स को कम करने और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। व्यायाम से रक्त संचार बढ़ता है, जिससे मांसपेशियों में ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर होती है और दर्द में राहत मिलती है। योग के कुछ आसन, जैसे कि बालासन और सुप्त बद्धकोणासन, विशेष रूप से पीरियड्स के दौरान राहत प्रदान करने में सहायक होते हैं। मानसिक तनाव कम करने के लिए ध्यान और श्वास नियंत्रण के अभ्यास भी बेहद फायदेमंद होते हैं।
नींद
पर्याप्त नींद लेना शरीर के तनाव को कम करता है और त्वचा की सेहत को भी बढ़ावा देता है। जब आप अच्छी नींद लेते हैं, तो शरीर खुद को फिर से चार्ज करता है, जिससे आप तरोताजा और ऊर्जावान महसूस करते हैं। नींद की कमी से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो पीरियड्स के दर्द को बढ़ा सकता है। अच्छी नींद पाने के लिए एक नियमित सोने का समय निर्धारित करें और सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग कम करें। नींद के दौरान शरीर डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया भी करता है, जो आपकी त्वचा को प्राकृतिक रूप से निखारता है।
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