नारी डेस्क: दिवाली के अवसर पर वीरवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर में आरती की गई। मंदिर में आज सुबह भस्म आरती में देश की सबसे पहले दीपावली मनाई गई, यहां पुजारी परिवार की महिलाओं ने बाबा महाकाल को हल्दी चंदन का उबटन लगाया, जिसके बाद गर्म जल से उन्हें स्नान कराया। महाकाल को सोने-चांदी के आभूषणों से शृंगार किया गया।
इसके बाद पंडे-पुजारियों ने बाबा महाकाल को नए वस्त्र पहनाएं और अन्नकूट का भोग लगाकर फुलझड़ी से बाबा की आरती की गई। होली, राखी सभी त्योहार सबसे पहले इस मंदिर में मनाए जाते हैं।दिवाली के दिन भगवान महाकाल के दरबार मे भस्म आरती मे फूलजड़ी जला कर पुरे भारत वर्ष मे दिवाली की शुरुआत होती है. इसलिए भक्त बाबा महाकाल के साथ सबसे पहले दिवाली मनाने आते हैं।
दीपावली पर महाकाल मंदिर में आकर्षक रंग बिरंगी विद्युत रोशनी की गई है. रंगोली और फूलों से सजाया गया है। वहीं देश के विभिन्न हिस्से दिवाली मनाने के लिए सज-धज कर तैयार हैं। 'रोशनी के त्योहार' के रूप में जानी जाने वाली दिवाली अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाती है।
दिवाली के अवसर पर चेन्नई के वडापलानी मुरुगन मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े।दिवाली उत्सव के हिस्से के रूप में, पणजी के लोगों ने राक्षस नरकासुर का पुतला जलाया। उत्तर प्रदेश में इस वर्ष का दीपोत्सव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो अयोध्या के मंदिर में श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहला त्योहार है।
बुधवार को सरयू घाट पर लेजर और लाइट शो से दीये और रंग-बिरंगी रोशनी ने नदी के तट की खूबसूरती को और बढ़ा दिया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रामलीला का वर्णन था, जिसे आकर्षक ध्वनि और प्रकाश प्रदर्शन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।