कोरोना वायरस के नए वेरिएंट की चिंता के बीच एक अच्छी खबर सामने आ रही है। दरअसल, Zydus Cadila अगले महीने के अंत तक कोविड-19 वैक्सीन, ZyCoV-D का परीक्षण पूरा कर सकती है। NTAGI के प्रमुख डॉ। एनके अरोड़ा ने कहा, उम्मीद है कि अगस्त में 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को कोरोना वायरस टीका लगाया जा सकता है।
दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन
कंपनी का कहना है कि जुलाई के अंत तक ट्रायल लगभग पूरा हो जाएगा और अगस्त में हम 12-18 साल की उम्र के बच्चों का टीकाकरण कर सकेंगे। भारत औषधि महानियंत्रक से अनुमति मिलने के बाद Zydus Cadila देश में मंजूरी प्राप्त करने वाला दूसरी स्वदेशी और दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन होगी।
96% सुरक्षित है वैक्सीन
हालांकि कंपनी ने अभी तक परीक्षणों से जुड़ा कोई डेटा जारी नहीं किया है। एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया कि जाइडस कैडिला एक नया प्लेटफॉर्म है, जो 95 से 96 प्रतिशत सुरक्षित है। सरकार ने छह से आठ महीने में हर दिन 1 करोड़ खुराक देने का लक्ष्य रखा है।
किन बच्चों को लगेगी वैक्सीन?
जायडस कैडिला की वैक्सीन 12 से 18 साल के बच्चों को दी जाएगी। DCGI से अप्रूवल के बाद सिर्फ बच्चों को ही नहीं वयस्कों को वैक्सीन दी जा सकती है।
कैसे बनाई जा रही है ZyCoV-D वैक्सीन?
अहमदाबाद स्थित जायडस कैडिला कंपनी द्वारा बनाई जा रही ZyCoV-D एक प्लास्मिड DNA वैक्सीन है। यह नई तकनीक पहली बार 1990 के दशक में अपेक्षाकृत की गई थी। इसमें दूसरी वैक्सीन की तरह पैथोजन के कमजोर की बजाए जेनेटिक कोड का इस्तेमाल किया जाता है। प्लास्मिड वेक्टर को कोशिकाओं में डालकर न्यूक्लियस में रोपित किया जाता है। फिर उसे दूसरे मैसेंजर mRNA मॉलीक्यूल में ट्रांसफर किया जाता है, जो इम्युनिटी के साथ प्रतिक्रिया करता है।
Covaxin और Covishield से कैसे अलग?
1. कोवैक्सीन इनएक्टिव वायरस टाइप जबकि कोविशील्ड नॉन-रेप्लिकेटिंग वायरल वेक्टर टाइप टीका है।यह इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देकर वायरस को खत्म करने में मदद करती है। मगर, ZyCoV-D वैक्सीन डीएनए टीका है, जो कोशिकाओं के जरिए इम्यून सिस्टम को निर्देश देती है।
2. कोविशील्ड और कोवैक्सीन को 2-8 डिग्री सेल्यियस पर स्टोर करना होता है जबकि ZyCoV-D टीके को 25 डिग्री तक तापमान में रखा जा सकता है।