तीसरी लहर के संकट के बीच बच्चों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। जल्द ही बच्चों के लिए वैक्सीनेशन शुरु होने जा रही है। कैडिला हेल्थकेयर अगले महीने बच्चों की वैक्सीन जायकोव-डी (zycov-D)लॉन्च कर देगी। अगर सब सही रहा ताे जायकोव-डी 12-18 साल के बच्चों को दिया जाने वाला पहला टीका बन जाएगा।
DGCI दे चुका है मंजूरी
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने इसके इमरजेंसी यूज के लिए पिछले महीने मंजूरी दे दी थी। बताया जा रहा है कि यह वैक्सीन पूरी तरह से बच्चों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इस तकनीक में कोई भी सुई नहीं होती है बल्कि एक खास तरह का उपकरण होता है। यह काम इतनी तेजी से होगा कि बच्चों को अहसास तक नहीं होगा कि उनके शरीर में वैक्सीन की डोज पहुंच चुकी है।
बच्चों को दी जाएगी तीन खुराक
- वैक्सीन की बच्चों को तीन खुराक दी जाएंगी।
- पहली खुराक देने के बाद 28 दिनों का अंतर होगा
- दूसरी डोज देने के बाद तीसरी डोज के लिए 56 दिनों का अंतर होना चाहिये
- बच्चों को नहीं होगा जरा सा भी दर्द
- यह वैक्सीन पूरी तरह से बच्चों के लिए सुरक्षित बताई जा रही है
पहली डीएनए आधारित वैक्सीन
- जायकोव-डी वैक्सीन दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है।
- इससे शरीर के डीएनए का इस्तेमाल कर इम्यून प्रोटीन विकसिक किया जाता है।
- यह बॉडी में संक्रमण को रोकने का काम करता है।
- जायकोव-डी को 2 से 8 डिग्री के तापमान पर रखा जा सकता है।
- इससे इंफेक्शन का खतरा भी कम होता है।
डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी
जायकोव डी कोविड 19 वैक्सीन के साथ- साथ डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी बताई जा रही है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल का कहना है कि इस वैक्सीन को लेकर काम प्रगति पर है और आने वाले समय में आप इसके बारे में और अधिक सुनेंगे। पॉल ने यह भी कहा कि बच्चों के टीकों के लिए कोवैक्सिन के परिणाम अंतिम चरण में हैं।