कैलाश पर्वत को भगवान शंकर का निवास स्थान माना जाता है। कहते हैं कि भोलेनाथ आज भी अपने परिवार के साथ वहीं पर रहते हैं। यहां पर कई सारे अद्भूत रहस्यों भी है। कोई भी शख्स आज तक इस पर्वत को फतेह नहीं कर पाया, जबकि माउंट Everest इससे कहीं ऊंचा है और लोग ने उसकी चढ़ाई कर ली है। इस पर्वत को लेकर कई सारे मान्यताएं भी है। चलिए आपको बताते हैं इसके बारे में...
देवताओं और पुण्य आत्माओं का निवास स्थान है कैलाश
कैलाश पर चढ़ाई नहीं कर पाने के पीछे ये कारण माना जाता है कि कैलाश पर भगवान शिव का निवास स्थान है। इसके साथ ही कई सारे देवी- देवता और पुण्य आत्माएं भी यहां निवास करती हैं। माना जाता है कि सिर्फ वही व्यक्ति कैलाश पर्वत जाने योग्य है जिसने कभी कोई पाप न किया हो। इसके साथ ही कई मान्याओं के अनुसार इस पर्वत के चारों ओर एक अलौकिक शक्ति का प्रवाह होता है, जो किसी भी साधारण मनुष्य को यहां आने से रोकता है। इसलिए ये माना जाता है कि कोई भी जीवित व्यक्ति कैलाश की चढ़ाई नहीं कर पाता है।
वैज्ञानिकों ने बताया ये कारण
जहां ज्यादातर लोग कैलाश पर्वत की चढ़ाई न कर पाने के पीछे वैज्ञानिक कारण मानते हैं, वहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि कैलाश पर्वत ब्रह्मांड और धरती के बीच का केंद्र है। एवरेस्ट की तुलना में यहां का वातावरण काफी ज्यादा खतरनाक है। वैज्ञानिकों की मानें तो यहां पर मैग्नेटिक फील्ड बहुत ज्यादा सक्रिया है।
अब तक पहले किसने की है चढ़ाई
इस पर्वत को अभी तक बस एक ही इंसान फतेह कर पाया है और था तिब्बती बौद्ध योगी मिलारेपा। 11वीं सदी में उन्होंने इस पर्वत की चढ़ाई की और जिंदा भी लौटे थे। हालांकि उन्होंने अपने experience किसी के साथ शेयर नहीं किया। जैन धर्म में मन्याताएं हैं कि कैलाश पर्वत पर ही ऋषभनाथ को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। वहीं, दूसरी ओर बौद्ध धर्म के अनुयायी यह मानते हैं कि कैलाश पर्वत के शिखर पर ही बुद्ध का निवास है। वहीं ज्यादातर लोगों को यहां पर चढ़ाई की कोशिश में मौत हाथ लगी। वहीं यहां पर चढ़ाई के दौरान वक्त तेजी से बितात है और कई लोग बूढ़े भी तेजी से हो जाते हैं और फिर मर जाते हैं।