अक्सर महिलाओं को 8 या 9 महीने बाद डिलीवरी की डेट दी जाती है। डॉक्टर महिला की हैल्थ कंडीशन देखने को बाद डिलीवरी की डेट तय करते हैं लेकिन कई बार प्रसव से पहले ही पानी की थैली फट जाती है, जिससे महिलाएं घबरा जाती हैं। चलिए हम आपको बताते हैं कि पानी की थैली समय से पहले फट जाए तो महिलाओं को क्या करना चाहिए।
क्या होती है पानी की थैली?
कंसीव करने के बाद महिलाओं के गर्भाश्य में एमनियोटिक थैली बन जाती है, जिससे शिशु ठहरता है। मगर, कई बाद निर्धारित समय से पहले ही थैली फट जाती है या इसमें रिसाव शुरू हो जाता है।
सबसे पहले जानिए समय से पहले पानी की थैली फटने के संकेत...
. वैजाइना में गीलापन महसूस होना
. अधिक मात्रा में फ्लूइड निकलना
. पीले रंग और बदबूदार फ्लूइड आना
वाटर ब्रेक होने पर क्या करें?
पानी की थैली फट जाने पर सबसे पहले तो डॉक्टर को फोन करके एम्बुलेंस बुलाए। अगर आपके पास खुद की सुविधा है तो डॉक्टर को फोन करने के बाद तुरंत हॉस्पिटल पहुंचे। आपको फोन करने पर डॉक्टर सारी तैयारी कर लेंगे, जिससे आपको हॉस्पिटल पहुंचने पर कोई दिक्कत नहीं होगी।
समय से पहले क्यों फट जाती है थैली?
. भ्रूण का सिर उल्टा हो जाना
. गर्भाशय में किसी तरह का इंफैक्शन होना
. अगर बच्चे का सिर नीचे हो तो भी पानी की थैली जल्दी फट जाती है।
. संकुचन के कारण भी थैली कमजोर होकर फट जाती है
. क्लाइमैडिया, गोनोरिया या यौन संचारित संक्रमण के कारण
. पहले कभी प्रीटर्म लेबर होने की वजह से
. शराब, धूम्रपान करना
. प्रेग्नेंसी के दौरान सही देखभाल न करना
अगर थैली फटने के बाद लेबर पेन शुरू न हो तो...
. अगर पानी की थैली फट जाने के 24 घंटे तक लेबर पेन शुरू न हो डॉक्टर तकनीकों का इस्तेमाल कर प्रसव पीड़ा शुरू करवाते हैं।
. थैली फट जाने के बाद शिशु को प्लेसेंटा के जरिए ऑक्सीजन और अन्य जरूरी तत्व मिलते हैं, जिससे जच्चा और बच्चा को इंफैक्शन का खतरा रहता है।
आमतौर पर पानी की थैली फटना डिलीवरी का संकेत होता है इसलिए महिला को तैयार रहना चाहिए। सेहत से जुड़ी ऐसी ही जानकारी के लिए 'नारी केसरी' के साथ जुड़ी रहें।