देश में कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस वायरस की चपेट में अभी तक लाखों लोग आ चुके हैं। इसकी रोकथाम के लिए सरकार ने पहले लॉकडाउन लगाया था जिसे अब खोल दिया गया है। अब लॉकडाउन के बाद बहुत से लोगों को ऐसा लगने लगा है कि यह वायरस इतना ज्यादा खतरनाक नहीं है। लेकिन देखा जाए तो इस वायरस की चपेट में आने वालों को काफी दिक्कतें आ रही हैं। जैसे कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी मरीजों में लंबे समय तक इसके लक्षण नजर आ रहे हैं।
ऐसे में कोरोना का लंबे समय तक शरीर पर असर रहने को लॉन्ग कोविड कहते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर लॉन्ग कोविड क्या होता है?
क्या होता है लॉन्ग कोविड?
दरअसल जब एक मरीज कोरोना से ठीक हो जाता है लेकिन उस व्यक्ति में कोरोना के लक्षण लंबे समय तक रहते हैं। सांस फूलते रहने, लगातार खांसना, मांसपेशियों में दर्द की शिकायत होना। इन्हीं लक्षणों को लॉन्ग कोविड कहा जाता है। यह लॉन्ग कोविड आपके शरीर पर तो असर डालता ही है साथ ही इससे दिल, फेफड़ों और किडनी को भी नुकसान हो सकता है।
मरीजों में पाए गए सामान्य लक्षण
दरअसल इसी पर एक स्टडी अमेरिकी मेडिकल एसोसिएशन के एक जर्नल में छपी है और अगर इस स्टडी की मानें तो तकरीबन 80 प्रतिशत से ज्यादा लोगों में लगभग 2 महीने बाद भी एक ही लक्षण पाया गया। जिनमें से ज्यादातक लोगों को थकान की शिकायत रही। हालांकि आपको यह भी बता दें कि ऐसा जरूरी नहीं है कि अगर आपको गंभीर कोरोना हो तो ही आपको लॉन्ग कोविड होगा ब्लकि अभी तक बहुत अधिक थकान लॉन्ग कोविड का सिर्फ एक लक्षण है।
क्यों हो रही लॉन्ग कोविड की समस्या?
अब सब के मन में इसे लेकर एक ही सवाल होगा कि आखिर लॉन्ग कोविड क्यों हा हो रहा है। इसका कारण क्या है। हालांकि इस प्रशन का कोई एक उत्तर नहीं है लेकिन ऐसा कहा जा सकता है कि वायरस चाहे शरीर के बड़े बड़े हिस्सों से निकल गया हो लेकिन वह छोटे छोटे हिस्से में अभी भी मौजूद हो सकता है जिसके कारण यह समस्या हो सकती है। विशषज्ञों की मानें तो अगर आपको सूंघने में परेशानी हो रही है तो हो सकता है यह वायरस आपके नसों में है। हालांकि विशषज्ञ ये भी कहते हैं कि यह सब अभी अनुमान हैं निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता।