स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है। यह बात जानने के बावजूद भी मां- बाप बच्चों से माेबाइल को दूर नहीं कर पा रहे हैं। बिगड़ते हालातों को देखते हुए महाराष्ट्र में यवतमाल के एक गांव में 18 साल से कम उम्र के बच्चों के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ये फैसला सभी गांव वालों की सहमति से लिया गया।
कोविड के बाद बच्चों की बिगड़ी आदत
दावा किया जा रहा है कि यह राज्य में इस तरह का पहला फैसला है। गांव के सरपंच का कहना है कि ‘‘कोविड-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा के लिए बच्चों ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना शुरू किया था। इसके बाद उन्हें मोबाइल फोन की आदत लग गई और वे विभिन्न साइट देखने लगे तथा ऑनलाइन गेम खेलने के लिए ज्यादातर समय इस पर बिताने लगे।'' इसलिए18 साल से कम उम्र के बच्चों के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया"।

पहली बार लिया गया ये फैसला
यह ऐसा फैसला लेने वाली महाराष्ट्र की पहली ग्राम पंचायत बन गई है। सरपंच ने कहा- ‘‘निर्णय को लागू करने में शुरुआती मुद्दे हो सकते हैं लेकिन इस कदम को सफल बनाने के लिए माता-पिता और बच्चों दोनों को सलाह दी जाएगी। परामर्श के बाद भी यदि हम बच्चों को मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते देखेंगे तो हम जुर्माना लगाएंगे"। आंकड़ों पर नजर डालें तो 12 से 18 महीने की उम्र के बच्चों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल की बढ़ोतरी देखी गई है। ये स्क्रीन को आंखों के करीब ले जाते हैं और जिससे आंखों को नुकसान पहुंचता है।
बच्चों को हो रहा ये नुकसान
कम उम्र में स्मार्टफोन की लत की वजह बच्चे सामाजिक तौर पर विकसित नहीं हो पाते हैं। बाहर खेलने न जाने की वजह से उनके व्यक्तित्व का विकास नहीं हो पाता है। इतना ही नहीं फोन पर होने पर बच्चे अपने पेरेंट्स की हर बात को अनसुना कर देते हैं जिससे उनकी लर्निंग स्किल काफी प्रभावित हो रही है । फोन के अधिक इस्तेमाल से वे बाहरी दुनिया से संपर्क करने में कतराते हैं।

बच्चों को घेर रही कई बीमारियां
साइबर मीडिया रिसर्च के एक सर्वे के मुताबिक, हर भारतीय साल के 1800 घंटे मोबाइल को दे रहा है। बाल रोग विशेषज्ञ के अनुसार मोबाइल के कारण बच्चों में मोटापा बढ़ने, वजन तेजी से गिरने, कुपोषण, आंखों की कमजोरी जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। खाना खाते हुए फोन देखने और गेम्स खेलने की लत की वजह से स्लीप डिसॉर्डर जैसी कई बीमारियां बच्चों को घेर रही हैं। मोबाइल व अन्य सभी इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों से एक ब्लू लाइट निकलती है जो सिर्फ आंखों ही नहीं बल्कि स्किन और हार्मोंनल विकास को भी प्रभावित करती है।
Parents इन ट्रिक्स के साथ बदलें बच्चाें की आदत
-कुछ समय निकालकर आप बच्चों के साथ बैठें उन्हें नई-नई चीजें सिखाएं।
-आप बच्चों को आट एंड क्रॉफ्ट में व्यस्त करके फोन की आदत छुड़वा सकते हैं।
-बच्चों को उनके मनपसंद किताब दिलवाएं। साथ ही उनसे किताब के बारे में प्रश्न भी जरुर पूछें, इससे उनकी रुचि बढ़ेगी।
-आप बच्चों को इनडोर या फिर आउटडोर गेम्स खेलने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
-बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के लिए घर के कामों में व्यस्त कर सकते हैं। आप उनसे घर के छोटे-छोटे काम करवा सकते हैं।
-खाते हुए या सोते हुए बच्चे को मोबाइल फोन ना दें बल्कि इस समय उनसे बातचीत करें। खाना खिलाने या कोई लालच देने के लिए कभी मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें।

धीरे-धीरे बदलें आदत
आप बच्चों को सोशल मीडिया से भी दूर रखें, बच्चे सुबह उठते ही फोन इस्तेमाल करना शुरु कर देते हैं। आप भी बच्चों के सामने सोशल मीडिया पर ज्यादा रील्स न देंखे। इससे बच्चों में भी रिल्स देखने की दिलचस्पी बढ़ने लग जाएगी। आप बच्चों के मोबाइल की लत छुड़वाने के लिए धीरे-धीरे प्रयास करें। एकदम से फोन छीनने से बच्चे जिद्दी होने लगते हैं। आप बच्चों को मोबाइल देने का एक समय निर्धारित कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपने फोन में लोक लगाकर रखें। ताकि बच्चे इसका ज्यादा इस्तेमाल न करें।