आमतौर पर बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए पेरेंट्स को काफी कोशिशें करनी पड़ती हैं। जाहिर है बच्चे किसी से भी बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं और अच्छे-बुरे का फर्क किए बिना लोगों की बुरी आदतों को भी फॉलो करने लगते हैं। ऐसे में बच्चों को डिसिप्लिन में लाना पेरेंट्स के लिए काफी मुश्किल टास्क बन जाता है। अगर आप चाहें तो बच्चों के बिहेवियर में आए चेंज को नोटिस करके उन्हें आसानी से अनुशासन सिखा सकते हैं। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उन्हें सही सीख देना बहुत जरूरी होता है। कभी-कभी बच्चे कुछ बुरी आदतों का भी शिकार हो जाते हैं। इसके चलते बच्चों के व्यवहार में कई बदलाव आने लगते हैं। ऐसे में बच्चों के बिहेवियर में कुछ गलत चेंज नोटिस करके आप उन्हें अनुशासन में ला सकते हैं। इसके कुछ टिप्स जान लीजिए....
हर चीज की जिद को ऐसे करें हैंडल
कई बार बच्चों की डिमांड पूरी ना होने के बाद बच्चे जिद करना शुरू कर देते हैं और जोर-जोर से रोने लगते हैं। ऐसे में बच्चों को डायरेक्ट किसी चीज के लिए मना करने से बचें। बच्चों को उस चीज के नुकसानों से अवगत कराएं और उन्हें प्यार से समझाने की कोशिश करें।
गुस्सा करने पर प्यार से समझाएं
अगर आपका बच्चा छोटी-छोटी बात पर गुस्सा करने लगे, तो बच्चे को अनुशासन सिखाना जरूरी हो जाता है। ऐसे में बच्चों के चिड़चिड़े स्वभाव पर उन्हें डांटने से बचें, साथ ही बच्चों की अच्छी आदतों की सराहना करना ना भूलें। उन्हें प्यार से समझाएं।
बुरे बर्ताव के बारे में समझाएं
कुछ बच्चे मुंहफट स्वभाव के होते हैं। जिसके कारण बच्चे बड़े या छोटों के सामने कुछ भी बोलने से नहीं चूकते हैं। वहीं बच्चों की बातें अक्सर लोगों को हर्ट भी कर सकती है। इसलिए बच्चों को उनके इस बुरे बर्ताव के नुकसान बताएं। ऐसा ना करने की सलाह दें।
ज्यादा डांट लगाना ठीक नहीं
कई बार बच्चों के साथ ज्यादा सख्ती करने और उन्हें बात-बात पर डांटने से बच्चे जिद्दी बन जाते हैं। इसलिए बच्चों को बुरा बर्ताव करने पर प्यार से समझाएं और उन्हें बताएं कि उनकी आदतें किसी को तकलीफ भी पहुंचा सकती हैं।
अपनी गलती मानना सिखाएं
कई बार बच्चे गलती करने पर पेरेंट्स की डांट के डर से किसी और को दोषी ठहरा देते हैं। ऐसे में बच्चों को झूठ ना बोलने की शिक्षा दें और अपनी हर छोटी-बड़ी गलती को एक्सेप्ट करना सिखाएं।