महिलाएं अपना आधे लसे भी ज्यादा समय किचन में व्यतीत करती हैं। ऐसे में परिवार की सेहत की जिम्मेदारी उनके हाथ में होती है क्योंकि सेहत का रिश्ता आपकी रसोईघर से जुड़ा होता है। सेहत और स्वाद में तालमेल बैठाना बहुत ही मुश्किल काम होता है लेकिन आप किचन को ईको फ्रेंडली बनाकर इस काम को भी आसान कर सकती हैं। चलिए जानते हैं के वातावरण को स्वस्थ बनाने के कुछ आसान टिप्स।
बिजली के उपकरण
आज के उस मॉर्डन जमाने में किचन में रखी ज्यादातर चीजें बिजली से चलने वाली होती है जैसे माइक्रोवेव, कॉफी हीटर, टोस्टर, मिक्सी और फ्रिज आदि। मगर शायद आपको यह नहीं मालूम की बिजली से चलने वाली बीमारियों का खतरा भी बढ़ाती है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप इन उपकरणों को किचन के बाहर रखें, ताकि इनमें से निकलने वाला रेडिएशन सेहत को नुकसान ना पहुंचाए। इसके अलावा फ्रिज को बार-बार ना खोलें। साथ ही माइक्रोवेव में खाना गर्म करने के लिए प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें।
उपकरणों को रखें साफ
अक्सर महिलाएं टोस्ट, मिक्सी, हैंड ब्लैंडर, माइक्रोवेव या ओवन का यूज के बाद उसे अच्छी तरह साफ नहीं करती। इससे ना सिर्फ उसमें से बदबू आती है बल्कि बैक्टीरिया भी इनमें अपना घर बना लेते हैं। बीमारियों से बचे रहना चाहते हैं तो हफ्ते में कम से कम 1 बार लिक्विड सोप से इसे साफ जरूर करें। आप चाहे तो इसके लिए बेकिंग सोडा का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
जरूर लगावाएं एग्जॉस्ट फैन
किचन में एग्जॉस्ट फैन जरूर लगाएं क्योंकि यह किचन से सारी गर्मी निकाल देता है। यहां तक की ये कमरे की भी उमस को बाहर निकाल देता है। इसके अलावा किचन में लाइट का इंतजाम सही रखें।
किचन में ना रखें झूठे बर्तन
किचन को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए सही बर्तनों का इस्तेमाल करें। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, गंदे मिक्सर और झूठे बर्तनों में तुरंत बैक्टीरिया और जीवाणु पनप जाते हैं, जो धोने के बाद भी उसमें लगे रहते हैं। ऐसे में कभी भी झूठे बर्तन ना रखें और उन्हें तुरंत साफ करें।
सावधानी से करें बर्तन का चुनाव
बर्तन बनाने के लिए एल्यूमीनियम, तांबा, लोहा, सीसा, कॉपर और टेफलोन का इस्तेमाल किया जाता है। भोजन पकाते समय बर्तनों का ये मैटीरियल भी खाद्य पदार्थ के साथ मिक्स हो जाता है, जोकि सेहत के लिए खतरनाक है। ऐसे में खाना बनाने के लिए स्टेनलेस स्टील, लोहा और पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल करें।
गर्मी पैदा करने वाले बल्ब को बदलें
किचन में तेज जलने और जल्दी गर्म होने वाले बल्ब को सीएफएल एलईडी बल्ब से बदलें। इससे ऊर्जा की भी बचत होगी और आपका घर भी ठंडा रहेगा। इसके अलावा इनकी रोशनी आंखों के लिए भी अच्छी होती है।
सभी लाइट्स ना जलाएं
खाना खाने के लिए ज्यादा लाइट्स ना जलाएं बल्कि सिर्फ एक ही लाइट्स का इस्तेमाल करें। हो सके तो कभी-कभार कैंडल लाइट डिनर करें। इससे बिजली की बचत भी होगी और आप इलेक्ट्रिक टेम्परेचर ऑब्जर्व करने से भी बच जाएंगी। इसके अलावा डिस्पोजेबल पेपर नैपकिंस की जगह कपड़े के नैपकिंस का इस्तेमाल करें।
किचन के कूड़े को करें कम्पोस्ट
अपने किचन के वेस्ट कम्पोस्ट को फेंकने की बजाए गार्डनिंग के लिए इस्तेमाल करें। इसके अलावा आप कम्पोस्टिंग के लिए अपने गार्डन में अलग तरह का कूड़ेदान लगाकर खाने की चीजों से बेहतरीन खाद तैयार कर सकते हैं।
पौधे करेंगे पॉजिटिव एनर्जी का संचार
किचन के अंदर मौजूद नेगेटिव एनर्जी निकालने के लिए इंडोर प्लांट्स लगाएं। इससे किचन की सजावट भी हो जाएगी और सेहत भी अच्छी रहेगी। आप चाहे तो रसोईघर में एलोवेरा, फूल, फल व सब्जियों के पौधे लगा सकती हैं। इससे पॉजिटिव एनर्जी का संचार होगा।
करवाएं वुडन फ्लोरिंग
किचन फ्लोर व स्लैब में सिरेमिक टाइल्स, मार्बल और पत्थर लगवाने की बजाए वुडन फ्लोरिंग करवाएं। आप चाहे तो किचन की कैबिनेट्स भी लकड़ी के बनवा सकते हैं।