थायराइड एक ऐसा रोग जिससे महिलाएं कम उम्र में ही झेल रही हैं। ऐसा नहीं की पुरुषों को यह रोग नहीं होता लेकिन पुरुषों के मुकाबलें महिलाएं इसकी तीन गुणा ज्यादा शिकार हैं। एक बार यह बीमारी लगी नहीं कि आप सारी उम्र के लिए दवा के मरीज बन जाते हैं और सबसे बड़ी समस्या यह महिला को मां नहीं बनने देती हैं यानि की बांझपन की समस्या। इसके अलावा पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं, शरीर मोटापे का शिकार हो जाता है, चेहरे पर अनचाहे बाल आने शुरु हो जाते हैं और इसे कंट्रोल ना किया जाए तो यह अन्य कई बीमारियों का कारण भी बन जाता है।
थायराइड भी दो तरह का होता है। एक हाइपो तो दूसरा हाइपर थायराइड। ज्यादातक केस हाइपो थायरायडिज्म के ही सुनने को मिलते हैं। थायराइड कोई भी हो इसका कनैक्शन हार्मोन असंतुलन से ही होता है। गले में तितली के आकार की जो थायरॉइड ग्रंथि होती हैं वह दो तरह के हार्मोन टी3 और टी 4 बनाती है जब इनमें गड़बड़ आती है तो समस्याएं शुरू हो जाती है।
अगर आप थाइरायड की मरीज हैं तो आपको सर्दी के मौसम में अपना खास ख्याल रखने की जरूरत है क्योंकि सर्दी के मौसम में मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है जिससे वजन ज्यादा बढ़ने लगता है इसलिए उन्हें 5 बातों का खास ध्यान रखने की जरूरत होती हैं तो चलिए आपको उन्हीं 5 बातों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
हार्मोंन्स लेवल का रुटीन चेकअप
थायराइड रोगियों हर 3 से 4 महीने में हार्मोंन लेवल की जांच करवाएं क्योंकि मौसम जैसे बदलता है, थायराइड रोगियों में हार्मोन्स असंतुलित होने की समस्या बढ़ जाती है इसलिए समय पर डाक्टरी जांच जरूर करवाएं।
शरीर को गर्मी देने वाले आहार खाएं
आपका खान पान इस समस्या में सबसे ज्यादा अहम रोल निभाता है। इस पेशेंट को गर्मी देने वाले आहार खाने चाहिए क्योंकि यह शरीर में गर्मी पैदा करते हैं जिससे खाना आसानी से पच जाता है। साबुत अनाज, गाय का दूध, ब्राउन राइस, ग्रीन टी, काली मिर्च बादाम मूंगफली मौसमी फल दूध दही खाना चाहिए। ऐसे मरीजों को सोयाबनी, पत्तागोभी फूल गोभी का सेवन नहीं करना चाहिए।
मीठी और कार्ब्स फूड से परहेज
ठंड के मौसम में मीठी व कार्ब्स वाली चीजें खाना के बहुत मन करता है लेकिन थायराइड मरीजों को इससे परहेज रखना है क्योंकि यह वजन को तेजी से बढ़ाती हैं और एक बार थायराइड मरीज का वजन बढ़ जाए तो बहुत मुश्किल से नियंत्रित होता है। ऐसे मरीज प्रोटीन युक्त दालों का सेवन ज्यादा करें मीठा खाने का मन करें तो नेचुरल फलों का सेवन करें। चाय कॉफी की जगह ग्रीन टी पीएं।
हल्की-फुल्की एक्सरसाइज और योग
हल्की फुल्की एक्सरसाइज इन मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है। साथ ही में नियमित योग। योग के साथ आप जुबा और डांस जैसी एक्टिविटीज का सहारा भी ले सकते हैं।
धूप जरूर सेंके
धूप सेंकना ऐसे मरीजों के लिए नेचुरल मेडिसिन का काम करता है। शरीर को विटामिन डी के लिए भी धूप की जरूरत पड़ती हैं। इसलिए रोजाना 20 से 30 मिनट की धूप जरूर सेंके। इससे मूड भी सही रहता है और ठंड के मौसम में होने वाली सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर की समस्या भी दूर होती हैं।
याद रखिए कि थायराइड में दिखाई शुरुआती लापरवाही बाद में सेहत पर भारी पड़ सकती हैं क्योंकि वजन कंट्रोल में नहीं रहता और जब वजन बढ़ता हैं तो बाकी बीमारियों का खतरा भी दोगुना हो जाता है। डाक्टरी जांच नियमित करवाएं।