चक्रवात ‘बिपारजॉय' के वीरवार शाम को गुजरात में कच्छ के तट से टकराने के बाद तेज हवाएं चलने के कारण देवभूमि द्वारका जिले में कई पेड़ उखड़े गए। यह तूफान इतना खतरनाक था इसके जाने के बाद चारों तरफ तबाही ही तबाही देखने को मिली। इस तूफान में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ने के साथ- साथ घर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली टिन की चादरें तक उड़ गईं।
चक्रवात के कच्छ जिले में दस्तक देने के बाद भावनगर सहित गुजरात के कई हिस्सों में काफी बारिश हुई है। इससे सामान्य जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। कई इलाकों में बिजली गुल हो गई और समुद्र के पास निचले इलाकों में पानी भर गया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक गुजरात तट पर चक्रवात ‘बिपारजॉय' ने शाम 4.30 बजे दस्तक दी और इसके टकराने की प्रक्रिया मध्यरात्रि तक पूरी होगी। तटीय इलाकों में 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक की तेज हवाएं भी चली। वहीं, राज्य प्रशासन ने आठ तटीय जिलों से 94,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
वहीं तेज बारिश के बीच भावनगर में एक उफनते नाले में फंसी अपनी बकरियों को बचाते समय एक व्यक्ति और उसके बेटे की मौत हो गई। दरअसल सीहोर शहर के पास भंडार गांव से गुजरने वाले एक नाले के ऊपर से पानी बहने लगा। अचानक पानी आने से बकरियों का झुंड नाले में फंस गया। जानवरों को बचाने के लिए 55 वर्षीय रामजी परमार और उनका बेटा राकेश परमार (22) नाले में घुस गए। हालांकि, वे पानी में बह गए। उनके शवों को कुछ दूर से निकाल लिया गया।
तूफान के दौरान 22 बकरियां और एक भेड़ की भी मौत हो गई। वहीं तूफान से पैदा हुए हालात को देखते हुए सेना ने भुज, जामनगर, गांधीधाम के साथ-साथ नलिया, द्वारका और मांडवी में अग्रिम स्थानों पर 27 राहत टुकड़ियां तैनात की हैं। वायुसेना ने वड़ोदरा, अहमदाबाद और दिल्ली में एक-एक हेलीकॉप्टर को तैयार रखा है।
अधिकारियों ने कहा कि चक्रवात के कारण ऊंची लहरें उठने के मद्देनजर लोगों को समुद्र के पास जाने से रोक दिया गया है और सभी समुद्र तटों पर जीवनरक्षक तैनात किए जा रहे हैं। आज चक्रवात की तीव्रता कम होने के बावजूद तेज हवाएं चलेंगी।
इस बीच, देवभूमि द्वारका के प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर और गिर सोमनाथ के सोमनाथ मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए बंद रखने का फैसला किया गया । पश्चिम रेलवे ने कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियात के तौर पर 76 ट्रेन को रद्द कर दिया गया है, जबकि 36 को बीच रास्ते में रोक दिया गया है और 31 ट्रेन को केवल चुनिंदा स्टेशन पर संचालित करने का फैसला लिया गया है।