हिंदू पंचांगों के अनुसार, हर महीने अमावस्या आती है लेकिन इन सारी अमावस्याओं में सोमवती अमावस्या बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। सोमवती अमावस्या सोमवार को पड़ रही है जिसके कारण इसका महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन आप भगवान शिव का रुद्राभिषेक करके जीवन के कष्ट और ग्रहों से छुटकारा पा सकते हैं। इसके अलावा इस दिन पूर्वजों को दान करने से उनका आशीर्वाद मिलता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि सोमवती अमावस्या कब है...
20 फरवरी को मनाई जाएगी सोमवती अमावस्या
मान्यताओं के अनुसार, इस बार सोमवती अमावस्या 20 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन पितरों को दान करके उनका आशीर्वाद भी लिया जाता है। सोमवती अमावस्या वाले दिन पूजा-पाठ, व्रत स्नान और दान करने से कई यज्ञों का भी फल मिलता है।
शुभ मुहूर्त
पंचागों के मुताबिक फाल्गुन महीने की अमावस्या तिथि 19 फरवरी शाम 04:18 पर शुरु होगी और 20 फरवरी सोमवार दोपहर 12:35 पर खत्म होगी। इसी प्रकार उदयातिथि के अनुसार, 20 फरवरी को सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी।
अमावस्या का महत्व
यह हिंदू धर्म का पवित्र त्योहार माना जाता है। महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस अमावस्या का महत्व समझाते हुए बताया था कि - इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से मनुष्य स्वस्थ, समृद्ध और सारे दुखों से दूर रहता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन आप भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कच्चे दूध और गंगाजल से अभिषेक करें। इससे आपकी मनोकामना पूरी होगी। इसके अलावा इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत भी रखती हैं।
कैसे करें पूजा ?
इस दिन सुबह जल्दी स्नान करके घर के मंदिर में दीपक जलाएं। फिर भगवान का ध्यान करें। भगवान शिव की आराधना करें और उन्हें भोग लगाएं। भगवान शिव और मां पार्वती की आरती करें। सारा दिन ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।