भारत की शादियों में अलग ही रौनक व खुशी देखने को मिलती है। इस दौरान सभी रिश्तेदार एकसाथ इकट्ठे होकर शादी की खुशी को मनाते हैं। ऐसे में अलग-अलग जाति, संस्कृति व समुदाय के लोग होने से सभी के अपने- अपने रीति-रिवाज होते हैं। लोग अपने इन रिवाजों को मानते हुए शादी का कार्य संपन्न करते हैं। मगर भारत में भी विदेशों की तरह शादी से जुड़े कुछ ऐसे रिवाज जो थोड़ी अलग और अजीब सी लगती है। मगर ये उनके समुदाय व कुल की मान्यताएं होने से उनके लिए बेहद खास मानी जाती है। तो चलिए आज हम आपको भारतीय शादी से संबंधित कुछ ऐसी ही मान्यताओं के बारे में बताते हैं...
नए जोड़े द्वारा मछली को पानी में बहाना
मणिपुर के लोगों की मान्यता है कि नए जोडो़ं द्वारा पानी में मछली बहाने से उनके अंदर के सभी बुरे विचार दूर होते हैं। साथ ही रिश्ते में मजबूती आने से प्यार में वृद्धि होती है।
फूलों से नहीं आलू व टमाटर मार कर स्वागत करना
वैसे तो किसी की शादी में दूल्हे पर फूलों की बरसात करते हुए खुशी के साथ उनका स्वागत किया जाता है। मगर भारत में उत्तर प्रदेश के एक समुदाय में बारात का स्वागत सड़े- गले आलू और टमाटर मार कर किया जाता है। वहां के लोगों की मान्यता है कि अगर रिश्ते की शुरूआत बुरे तरीके से की जाए तो उसका अंत बेहद सुखमय और खुशी होता है।
मिट्टी के बर्तन के को संभालकर आशीर्वाद लेना
वैसे तो प्रथा बहुत ही प्राचीन है। मगर बिहार में कई समुदाय के लोग इसे आज भी मानते हैं। इसमें दुल्हन को शादी के बाद अपने ससुराल वालों से आशीर्वाद लेने के लिए अपने सिर पर मिट्टी का घड़ा या कोई बर्तन रख कर उसे संभालना होता है। फिर उसे संभालते हुए सभी से आशीर्वाद लेना होता है। इसके पीछे उनके मानना है कि ऐसा करने से दुल्हन की सहनशाीलता देखी जाती है। ऐसे में दुल्हन जितनी देर तक उस घड़े को संभालती हैै माना जाता है कि वह शादी के बाद उतने ही अच्छे से अपने घर- परिवार को संभालने में सक्षम रहेगी।
दुल्हे का शादी वाले दिन संन्यासी बनना
तमिल के ब्राह्मणों द्वारा इस प्रथा को निभाया जाता है। इस रस्म को मुख्य रूप से वहां के अय्यरों द्वारा निभाया जाता है। इसमें शादी के दिन दूल्हा संन्यासी के कपड़े पहन कर तैयार होता है। वह अपने हाथ में कमंडल भी पकड़ता है। ऐसे तैयार हो वह शादी के मंडप से भागने व संन्यास लेने की कोशिश करता है। ऐसे में उसे ऐसा करने से रोकने के लिए दूल्हन के पिता द्वारा दूल्हे को अलग-अलग चीजों का लालच देकर मनाने की कोशिश की जाती है। उसे ग्रहस्थ जीवन को अपनाने के लिए प्रार्थना की जाती है।
दुल्हन को किसी से मिलने न देना
भारत के एक आदिवासी इलाके में यह अजीब की प्रथा निभाई जाती है। यह भारत के त्तर-पूर्वी इलाके आदिवासियों द्वारा प्रचलित है। इसमें परिवार सदस्य नई दुल्हन को शादी के करीब 1 साल तक किसी से मिलने नहीं देते हैं। ऐसे मेें उसे एक कमरे में ही बंद रहना पड़ता है। इस दौरान उसे किसी को देखना या बात करना हर चीज की मनाही होती है।
लड़की का पेड़ से शादी करना
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, अगर किसी लड़की की कुंडली में मांगलिक दोष हो तो उसे मांगलिक लड़के से ही शादी करनी पड़ती है। नहीं तो लड़के के लिए खतरा व जीवन में परेशानियों का आगमन होता है। ऐसे में अगर कोई मांगलिक लड़की नॉन मांगलिक लड़के से शादी करना चाहती है तो उसे अपना यह दोष दूर करने के लिए लड़के से शादी करने से पहले किसी पेड़ के साथ विवाह करना पड़ता है। ऐसे में वह पेड़ उस लड़की का पहला पति माना जाता है। मान्यता है कि इसतरह करने से उसका मांगलिक दोष दूर हो जाता है। फिर वह किसी भाी लड़के से शादी कर सकती है।
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