22 DECSUNDAY2024 8:13:21 PM
Nari

जहां गुजरा शबाना का बचपन उसी मिजवां औरतों को दी दुनियाभर में पहचान

  • Edited By Sunita Rajput,
  • Updated: 09 Mar, 2021 03:12 PM
जहां गुजरा शबाना का बचपन उसी मिजवां औरतों को दी दुनियाभर में पहचान

बॉलीवुड अभिनेत्री व पूर्व राज्यसभा सांसद रह चुकीं शबाना आजमी का बचपन उस गांव में गुजरा जहां कभी लाइट भी नहीं हुआ करती थी आज शबाना उसी जगह को डेव्लप कर रही है। शबाना आजमी उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ में स्थित अपने पैतृक गांव मेजवां महिलाओं एवं लड़कियों को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए मिजवां वेलफेयर सोसाइटी नामक एनजीओ चलाती हैं। इस संस्था के संस्थापक उनके पिता कैफी आजमी थे।

छोटे से गांव को विदेशों तक मिली पहचान 

जिस छोटे से गांव मेजवां को कभी कोई नहीं जानता था लेकिन आज विदेशों में भी इस सोसाइटी की बदौलत उन्हें अलग पहचान मिली है। सोसाइटी की बदौलत लड़कियों की पढ़ाई लिखाई के लिए कैफी गर्ल्‍स विद्यालय, सिलाई-कढ़ाई केन्द्र स्थापित किए। कोरोना काल में मिजवां सोसाइटी को कोविड-19 के दौरान किए गए साहसिक कार्यों के लिए महात्मा अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है। वहीं आदित्य बिरला समूह ने शबाना आजमी को लाइफ टाइम एचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा।

PunjabKesari

सबसे ज्यादा पुरस्कार पाने वाली बाॅलीवुड एक्ट्रेस

शबाना लंबे समय से एड्स से जूझ रहे बच्चों के लिए भी कार्य कर रही हैं। उनके सराहनीय कार्यों  के लिए इंटरनेशल अवार्ड फॉर पीस, 5 बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार, 4 बार फिल्मफेयर अवार्ड, पद्मश्री सम्मान व जोधपुर विश्वविद्यालय और लीड्स विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है। बता दें कि शबाना बॉलीवुड की इकलौती ऐसी एक्ट्रेस है जिन्हें सबसे ज्‍यादा नैशनल अवॉर्ड मिल चुके है। मगर इतने बड़े अचीवमेंट के पीछे उनकी इंस्पारिंग स्टोरी भी छिपी जिसे बेहद कम लोग जानते है।

PunjabKesari

फैमिली की मदद के लिए हमेशा रहती हैं तैयार

शबाना बचपन से ही उसूलों वाली रहीं। मां, शबाना को जुहू से सांताक्रूज स्टेशन तक बस के लिए 30 पैसे रोज देती थी लेकिन शबाना पांच पैसे बचाने के लिए जुहू चौपाटी पर ही उतर जाती थी लेकिन कभी उसने पेरेंट्स से एक्स्ट्रा पैसे नहीं मांगे। शबाना हमेशा फैमिली की मदद के लिए पैसा कमाने के बारे में सोचती थीं। सीनियर कैम्ब्रिज में फर्स्ट डिविजन पास होने के बाद कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले शबाना ने तीन महीने पेट्रोल स्टेशन पर ब्रू कॉफी बेची जिसके लिए उन्हें 30 रुपए प्रतिदिन मिला करता था। एडमिशन के पहले 3 महीने उन्होंने कॉफी बेचकर पैसा कमाया और कमाए हुए पैसे अपनी मां के हाथों में लाकर रख दिए। 

PunjabKesari

जब ट्रेन के आगे कूद गई थी शबाना 

एक बार मां ने शबाना को उसके रूड बिहेव के लिए उन्हें घर से निकाल दिया था तब शबाना ने ट्रेन के आगे आकर खुद को खत्म करने की कोशिश की लेकिन स्कूल का चौकीदार वहीं मौजूद था जिसने शबाना को मरने से बचा लिया। शबाना ने अपने दम पर बॉलीवुड और देश में पहचान बनाई।शबाना की तरह प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण, कंगना रनौत, अनुष्का शर्मा और ऐश्वर्या राय भी बॉलीवुड की वो अभिनेत्रियां है, जो सेल्फ-मेड हैं और इन्होंने बिना किसी गॉडफ़ादर के बहुत कुछ हासिल किया है।

Related News