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कैंसर को जड़ से खत्म कर देगी ये नई दवाई, 20 साल की रिसर्च के बाद Scientists ने जगाई उम्मीद

  • Edited By palak,
  • Updated: 03 Aug, 2023 02:47 PM
कैंसर को जड़ से खत्म कर देगी ये नई दवाई, 20 साल की रिसर्च के बाद Scientists ने जगाई उम्मीद

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण भारत में हर साल कितने लोग अपनी जान गंवाते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जिसकी कोई एक दवाई भी नहीं है। हालांकि अब तकनीकी बदलावों के चलते वैज्ञानिक इस पर रिसर्च कर रहे हैं और इस दवाई की खोज कर रहे हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक दवाई की खोज की है। इस दवाई के ट्रायल में उन्होंने इस बात की पुष्टि भी की है कि यह दवाई शरीर के सेल्स को भी नुकसान नहीं पहुंचाएगी और कैंसर ट्यूमर को बिल्कुल ही खत्म कर  देगी। इस दवाई का नाम वैज्ञानिकों ने AOH 1996 रखा है। यह कैंसर के सेल्स में पाए जाने वाले प्रोटीन को टारगेट करती है। इसी कैंसर प्रोटीन के कारण शरीर में ट्यूमर फैलते हुए बढ़ता जाता है। हालांकि इससे पहले भी वैज्ञानिकों ने प्रोटीन-प्रोलिफेरेटिंग सेल न्यूक्लियर एंटीजन(पीसीएनए) नाम की दवाई की खोज की थी परंतु इस दवाई को उन्होंने इलाज योग्य नहीं माना था । वहीं रिपोर्ट्स की मानें तो यह नई दवाई काफी प्रभावी बताई जा रही है।

20 साल की रिसर्च के बाद बनाई दवाई 

यह दवाई अमेरिका के सबसे बड़ी कैंसर ऑर्गनाइजेशन लॉस एंजिल्स में सिटी ऑफ होप हॉस्पिटल ने 20 साल की रिसर्च के बाद बनाई है। ट्रायल में इस दवाई के काफी अच्छे परिणाम आए हैं ऐसे में इसके बाद वैज्ञानिकों के साथृसाथ पूरे दुनिया में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रहे व्यक्तियों में भी एक उम्मीद आई है। इस दवाई को लैब में कम से कम 70 तरह के कैंसर पर ट्राई कर गया है जिनमें ब्रेस्ट कैंसर, ब्रेन कैंसर, यूट्रस कैंसर, स्किन कैंसर और लंग्स कैंसर शामिल है। इन सारी तरह  के कैंसर पर इस दवाई ने अपना असर दिखाया है। दवाई बनाने वाले एक प्रोफेसर ने बताया कि -यह ड्रग कैंसर प्रोटीन को खत्म करने में मदद करती है और शरीर में कैंसर के कारण बन रहे सैल्स पर भी अटैक करती है। इसके जरिए ट्यूमर के विकास में भी समस्या खड़ी होती है जिसके कारण ट्यूमर आसानी से खत्म हो सकता है। 

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कैंसर के हैल्दी सेल्स पर नहीं करती असर

दवाई पर रिसर्च कर रही टीम के अनुसार, दवाई AOH 1996 कैंसर से जूझ रहे व्यक्तियों में सेल्स को बढ़ाने और फैलने के तरीके को बाधित करती है। यह कैंसर सेल्स को भी मार देती है। इस दौरान वह हैल्दी सेल्स पर कोई भी हमला नहीं करती जबकि जब व्यक्ति कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान कीमोथेरेपी करवाते हैं तो इससे उनके अच्छे सेल्स भी खत्म होते हैं। शरीर में अच्छे सेल्स खत्म होने के कारण कई तरह के साइड इफेक्ट्स होते हैं जैसे बाल झड़ना, चेहरे का काला पड़ना और पेट खराबी की समस्या दिख सकती है। 

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अभी दवाई का चल रहा है पहला ट्रायल 

वहीं अभी इस ड्रग का शुरुआती ट्रायल ही चल रहा है। अगर ये ट्रायल सफल रहता है तो कैंसर के इलाज में काफी अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। वहीं वैज्ञानिकों की मानें तो कैंसर के सेल्स खत्म करने वाली दवाई की खोज भी हो गई है और अगर यह दवाई सही साबित हुई तो इंसानों पर कैंसर का भविष्य में काफी खतरा कम होगा। 

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