शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरु होने वाले हैं। इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरुपों की पूजा की जाती है। मां की पूजा के दौरान वास्तु शास्त्र के नियमों का ध्यान भी रखना जरुरी है। इस शास्त्र की मानें तो यदि पूरे नौ दिन इन नियमों का पालन करते हुए पूजा की जाए तो व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी होती है और घर का वास्तु दोष व नेगेटिविटी भी दूर होती है। तो चलिए आपको बताते हैं नवरात्रि की पूजा में किन बातों का ध्यान रखना जरुरी है। आइए जानते हैं...
यहां पर रखें मां की प्रतिमा और दीपक
मां की प्रतिमा और कलश स्थापना के लिए चंदन की चौकी का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र में चंदन को पॉजिटिविटी का केंद्र माना जाता है। यदि आपके घर में चंदन की चौकी नहीं है तो अन्य लकड़ी की चौकी भी इस्तेमाल कर सकते हैं। चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं इसके अलावा यह ध्यान में रखें कि अखंडे दीपक कभी भी जमीन पर न रखें।
इस ओर हो पूजा करते समय मुंह
नवरात्रि में पूजा करते समय व्यक्ति का मुंह पूर्व या फिर उत्तर दिशा में होना शुभ माना जाता है। इस ओर मुंह करके पूजा करने से व्यक्ति का सम्मान बढ़ता है, क्योंकि यह दिशा शक्ति और शौर्य का प्रतीक मानी जाती है। इसके अलावा जहां पर आप मां की तस्वीर स्थापित कर रहे हैं तो उसके पीछे दुर्गा बीसा यंत्र बनाएं इससे माता रानी स्वयं उस जगह पर विराजमान रहती हैं।
घी का दीपक जलाएं
नवरात्रि में नौ दिन मां की पूजा करने से पहले घी का दीपक जलाएं। इसके बाद ही पूजा अर्चना करें। यदि आप अखंड दीपक जला रहे हैं तो उसमें घी का प्रयोग करें। यदि दीपक घी का है तो उसे माता रानी की तस्वीर के दाई ओर रखें वहीं यदि दीपक तेल का है तो उसे मां की तस्वीर के बाई ओर रखें। इससे घर में बरकत आएगी और मां की कृपा परिवार पर बनती है।
पूजा में भूलकर भी न इस्तेमाल करें ये रंग
नवरात्रि में मां के पूजा स्थल को सजाने के लिए लाल रंग के फूल इस्तेमाल करने शुभ माने जाते हैं। वास्तु शास्त्र की मानें तो लाल रंग को सत्ता और शक्ति का प्रतीक माना जाता है लेकिन पूजा में भूलकर भी काला रंग इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि यह रंग इस्तेमाल करना अशुभ माना जाता है।