25 NOVMONDAY2024 10:35:19 PM
Nari

Proud: दादी के पास छुट्टियां काटने गई चेष्टा ने बदल दी गांव की काया

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 26 Nov, 2020 01:20 PM
Proud: दादी के पास छुट्टियां काटने गई चेष्टा ने बदल दी गांव की काया

बच्चे अक्सर छुट्टियों में अपने पैतृक गांव, दादी या नानी के पास घूमने जाते हैं और खेल-कूद व मस्ती करते हैं। मगर, यहां हम आपको 18 साल की चेष्टा गुलेच्छा की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने छुट्टियों में अपने गांव की काया ही पलट डाली।

18 साल की चेष्टा का कमाल

चेन्नई की रहने वाली 18 वर्षिय चेष्टा अपने दादा-दादी के पास राजस्थान में छुट्टियां बिताने गई थी। मगर, गांव में फैली ढेर सारी गंदगी देख वो निाश हो गई। फिर क्या गांव की सफाई का जिम्मा अपने सिर पर लेते हुए चेष्टा गंदगी साफ करने में जुट गई। उनकी अच्छी सोच देख गांव के लोग उनके साथ जुड़ने लग गए।

PunjabKesari

छुट्टियों में घूमने गई गांव तो बदल दी काया

चेष्ठा बताती हैं कि उन्होंने 5 सितंबर को गांव का कूड़ा-कर्कट साफ करना शुरू किया था। ताज्जुब की बात तो यह है कि हर गली-मोहल्ले में कूड़ा-कर्कट देने के बाद भी गांव वालों को उससे कोई परेशानी नहीं था। ऐसा लग रहा था मानों लोगों को इससे कोई परेशानी ही ना हो।

सफाई करता देख लोग उड़ाते थे मजाक

ऐसे में चेष्टा ने गांव को स्वस्थ बनाने का संकल्प लिया और लगातार 5 दिन तक उसे गांव की सफाई करते देख लोग उनपर हंसने लगे और मजाक उड़ाने लगे। कुछ लोग तो उन्हें ताने भी देते थे लेकिन चेष्टा ने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया और अपने लक्ष्य पर डटी रही। नतीजन, 6वें दिन हर्षित कुमावत, रामनिवास, बिश्नोई और भारत सिंह भी उनके मिशन में साथ जुड़ गए।

PunjabKesari

धीरे-धीरे लोगों ने समझा चेष्टा का मिशन

लॉकडाउन में कोई कचरा इकट्ठा करने के लिए था और गांव के डस्टबिन भी कूड़े से भर गए थे। लोग अपने घरों का कूड़ा भी बाहर ही फेंक देते थे, जिससे गांव में जगह-जगह कूड़े के ढेर लग गए थे। इसके बाद उन्होंने टीम बनाकर लोगों को जागरूक करने का फैसला किया। उनकी पहली मीटिंग में 17 लोग शामिल हुआ जो बहुत बड़ी बात थी। इसके बाद उन्होंने 3 दिन तक क्लीनअप ड्राइव शुरू किया और गांव की साफ-सफाई शुरू की। यही नहीं, उन्होंने गांव के 4 लोगों को 400 रुपए मेहनताना देकर सामुदायिक साफ-सफाई के लिए रखा। उनकी इस पहल से गांव की 95% सफाई हो गई।

PunjabKesari

साफ-सफाई के साथ गांव की सुदंरता पर भी दिया ध्यान

यही नहीं, उन्होंने एक ट्रैक्टर को भी काम पर लगाकर कूड़ा-कर्कट उठवाना शुरू किया जो हर सोमवार स्वच्छ अभियान का गीत गाते हुए पूरे गांव में घूमता है। कूड़ा इकट्ठा करके गांव की ही तालुका में लाया जाता है, जहां इसे डिस्पोज करने के लिए यूनिट बनाई गई है। इसकी निगरानी स्थानीय नगर निगम पालिका करती है। साफ-सफाई के साथ चेष्टा गांव की सुंदरता पर भी फोकस कर रही हैं। उन्होंने गांव की दीवारों पर स्वच्छता से जुड़े नारों की टैगलाइन लिखा है, जिसमें विकास, जेठमल और कुलदीप ने उनकी मदद की।

PunjabKesari

चेष्टा कहती हैं कि यह काम प्रशासन का लेकिन जब उन्होंने कुछ नहीं किया तो मैंने कदम उठाया क्योंकि जहां हम रहते हैं वहां कि सफाई के लिए हमें ही आगे आना होगा।

Related News