मां बनना हर महिला का सौभाग्य होता है। अपने शरीर के अंदर एक जीव को महसूस सिर्फ एक महिला ही कर सकती हैं। लेकिन यह पीरीयड इतना आसान नहीं होता जितना हमें पढ़ने और सुनने में लगता है। गर्भावस्था के दौरान, महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं और ऐसे में कई बार महिलाओं की स्थिति इतनी खराब हो जाती हैं कि उनका बच्चा समय से पहले ही जन्म ले लेता है जिसे मेडिकल भाषा में Premature birth भी कहते हैं।
हर साल 1.5 करोड़ बच्चों की होती Premature delivery
डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनिया भर में हर साल 1.5 करोड़ बच्चे मां के गर्भ में पूरा समय बिताने से पहले ही जन्म ले लेते हैं। समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों में 10 लाख बच्चे पांच साल की उम्र तक आते-आते मर जाते हैं। ऐसा अधिकतक ग्रामीण इलाकों में होता है।
अब पहले पता लग जाएगा कि बच्चे का जन्म समय से पहले होगा या नहीं
हालांकि, अमीर देशों में भी समय से पहले बच्चों का जन्म हो जाता है, बता दें किअकेले ब्रिटेन में 100 में से 8 बच्चे 37 सप्ताह के गर्भधारण से पहले जन्म ले लेते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक अब एक नए शोध में दावा किया गया है कि प्रसव के नियत समय से 10 सप्ताह पहले पता लगा लिया जाएगा कि बच्चे का जन्म समय से पहले होगा या नहीं।
क्यों होती है Premature delivery
दरअसल, शोधकर्ताओं ने खास बैक्टीरिया और कुछ केमिकल्स के बारे में पता लगाया जिसके आधार पर समय से पहले बच्चे के जन्म के बारे में जानकारी मिल जाएगी। शोधकर्ताओं के मुताबकि मां के गर्भाशय ग्रीवा में यह खास बैक्टीरिया और कुछ केमिकल्स पाए जाते हैं, इनके कारण संक्रमण और सूजन हो जाती है जो बच्चे के समय पूर्व जन्म के लिए जिम्मेदार होते हैं।
किंग्स कॉलेज लंदन के एक प्रोफेसर ने बताया कि हमारी टीम ने बर्थ प्रीडक्शन टूल विकसित किया है जिससे प्रेग्नेंसी के कुछ समय बाद सटीकता से पता लगाया जा सकता है कि समय पूर्व बच्चे का जन्म होगा कि नहीं। आमतौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का ग्रभाशय ग्रीवा शिशु की रक्षा करने के लिए बढ़ जाता है लेकिन प्रसव से कुछ दिन पहले यह पुनः छोटा और मुलायम होने लगता है। बता दें कि प्रेग्नेंसी के दौरान अगर महिला संक्रमित हो जाए या इसमें सूजन हो जाए तो समय से पहले गर्भाशय ग्रीवा कमजोर होने लगता है जिससे बच्चे का जन्म समय से पहले हो जाता है।