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टाइम के कवर पेज पर छाई पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी मानसी जोशी, सड़क हादसे में खोया था पैर

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 15 Oct, 2020 05:21 PM
टाइम के कवर पेज पर छाई पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी मानसी जोशी, सड़क हादसे में खोया था पैर

क्रिकेट का मैदान हो या एथलीट का स्टेडियम, महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा चुकी है। मगर, हम आपको एक ऐसी महिला के हिम्मत और जुनून की कहानी बताने जा रहे हैं, जो ना सिर्फ आपकी आंखों में आंसू ला देगी बल्कि आपने एक नया जोश भी भर देगी। हम बात कर रहे हैं विश्व चैंपियन 31 वर्षीय पैरा बैडमिटन प्लेयर मानसी जोशी की, जो हाल ही में अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन के कवर पेज पर नजर आईं।

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टाइम के कवर पेज पर आई फोटो

इसपर खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, 'टाइम एशिया 2020 के कवर पेज पर आना और टाइम 2020 नेक्सट जनरेशन लीडर का हिस्सा बनना मेरे लिए सम्मान की बात है। मुझे विश्वास है कि मुझे टाइम एशिया के कवर पेज पर देखने के बाद भारत में काफी लोगों की धारणाएं बदल जाएंगी। मुझे खेल के कारण अपनी पहचान बनाने की खुशी है। मैं खुशकिस्मत हूं कि मैं इसका इस्तेमाल प्रोस्थेटिक्स, सड़क सुरक्षा, दिव्यांगता और समावेश के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कर रही हूं।'

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सड़क हादसे में खोया पैर

महाराष्ट्र की रहने वाली मानसी ने बहुत कम उम्र में ही एक सड़क हादसे के कारण अपने पैर खो दिए। भले ही पैर हादसे ने उनके पैर छीन लिए हो लेकिन उनकी हिम्मत और जुनून को नहीं छीन सका। ओटी में 12 घंटे रहीं, पैर कटा, 50 दिन अस्पताल में बीते लेकिन फिर भी उनका हौसला नहीं टूटा। हॉस्पिटल से बाहर के बाद ही मानसी ने ठान लिया था कि वह इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने देगी और आज वह दुनियाभर के लिए मिसाल बन चुकी हैं।

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बचपन से ही थी बेडमिंटन में रुचि

मानसी को बचपन से ही इस खेल में रुचि रही और पढ़ाई के दौरान उन्होंने जिला स्तर पर बैडमिंटन कॉम्पिटिशन में हिस्सा भी लिया था। उनके पिता भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में काम करते थे। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के कारण उन्होंने इलेक्ट्रिॉनिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और साथ ही बेडमिंटन खेलना भी जारी रखा। उन्होंने पुलेला गोपीचंद अकेडमी से ट्रेनिंग ली।

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मानसी की उपलब्धियां

4 महीने कृत्रिम पैर लगाकर मानसी फिर से मैदान में उतरी। परिवार को सपोर्ट से मानसी ने खुद 2014 तक इस खेल में एक्सपर्ट कर लिया। बता दें कि मानसी भारत के लिए पैरा ओलंपिक्स में 12 पदक जीत चुकी हैं।

2015 : मिश्रित युगल में पदक, पैरा-बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप
2016 : महिला एकल और महिला युगल में कांस्य, पैरा-बैडमिंटन एशियाई चैंपियनशिप
2017 : महिला एकल में कांस्य, पैरा-बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप
2018 : महिला एकल में कांस्य, थाईलैंड पैरा-बैडमिंटन इंटरनेशनल
2018 : महिला एकल में कांस्य, एशियाई पैरा गेम्स 2018
2019 : महिला एकल में स्वर्ण, पैरा-बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप, बेसल, स्विट्जरलैंड

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