छोटो बच्चे तकरीबन डेढ़ से दो साल तक बोल कर अपनी बातों को समझा नहीं पाते लेकिन इशारों के माध्यम से वह अपनी भावनाएं व्यक्त करते है। इशारों के माध्यम से वह अपने पेरेंट्स को अपनी बात बताने की कोशिश करते है। जैसे कई बच्चे कभी-कभी अंगूठा चूस कर तो कुछ आखें मलते, पैर पटकना, हिचकी लेना आदि। अगर आप अपने बच्चों के इन इशारों को समझ लेंगे तो आप बड़ी आसानी से इन्हें दूर सक सकेंगे। चलिए बताते है आपको बच्चों के इन इशारों का क्या मतलब होता है।
आंखों का मलना
बच्चों को जब नींद आई हो तो वह अपनी आंखों को मलते है लेकिन अगर बच्चा सो कर उठने के बाद आंखों को रगड़ रहा है तो समझ ले कि बच्चों की आंख में कुछ चला गया है या किसी संक्रमण की वजह से वह ऐसा कर रहे है।
बच्चों का रोना
कई बार बच्चे चिड़चिड़े होने के कारण रोने लगते है लेकिन उनके रोने का कारण भूख लगने से लेकर डर लगना, कहीं पर दर्द होना भी हो सकता है। ध्यान दें जब बच्चे आंख खोल कर रो रहे है तो समझ ले कि वह भूखें है और अगर वह आंख बंद कर रोएं तो उन्हें डर लग रहा है। इसलिए जब भी बच्चा रोए तो उसे चुप करवाने के साथ उसकी मुश्किल को भी समझने की कोशिश करें।
हाथ-पैर का मारना
जब बच्चे के खेलने का मूड हो या वह बहुत खुश हो तो हवा में हाथ- पैर मारता है। यह उसकी मांसपेशियों के विकास के लिए भी काफी अच्छा होता है लेकिन अगर बच्चा काफी देर तक हवा में हाथ-पैर मारता रहे तो समझ लें कि उसे कोई परेशानी है। ऐसे में बच्चे हाथ-पैर तभी मारते है जब उनका डायपर गीला हो या डायपर के कारण किसी तरह की दिक्कत हो रही हो।
घुटनों को पेट से लगाकर सोना
जब बच्चे अपने पैर या घुटनों को पेट से लगाकर सो रहे हो तो समझ ले की उन्हें पाचन संबंधी कोई समस्या है। ऐसे में उन्हें कब्ज या पेट दर्द की शिकायत भी हो सकती है। इसलिए खान-पीन या स्तनपान के दौरान बच्चे का खास ध्यान रखें।
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