20 APRSATURDAY2024 3:34:37 AM
Nari

ऐसा गांव जहां रहती है सिर्फ महिलाएं, पुरूष की है 'No Entry'

  • Edited By neetu,
  • Updated: 03 Oct, 2020 06:00 PM
ऐसा गांव जहां रहती है सिर्फ महिलाएं, पुरूष की है 'No Entry'

पूरी दुनिया में भले महिलाएं और पुरुष को एक समान समझा जाता है। मगर आज भी बहुत सी बातों पर महिलाओं को अपने हक के प्रति लड़ना पड़ रहा है। समाज भले ही कितना बदल गया हो लेकिन आज भी औरतों को पूरी तरह से आजादी नहीं मिल पाई है। मगर अपनी इसी लड़ाई को लड़ने व सामना करने के लिए दुनिया में एक ऐसी जगह है जो पूरी दुनिया में बेहद ही अलग है। यह दक्षिण केन्या में एक उमोजा नाम का गांव है। जहां पर सिर्फ महिलाएं ही रहती है। इस गांव में किसी भी पुरूष के आने की मनाही है। जी हां, यहीं सच है। तो चलिए आज हम आपको इसी गांव और इसकी महिलाओं के बारे में बताते हैं...

गांव में पुरूषों के आने की मनाही 

वहां के लोगों द्वारा स्वाहिली भाषा का प्रयोग किया जाता है। उनकी भाषा में उमोजा का अर्थ है एकता। इस गांव में सभी महिलाएं एकजूट हो एकता के साथ रहती है। इस गांव  उन्होंने पूरे गांव के चारों तरफ कांटेदार बाड़ बना रखे है। ताकि वे हर तरह से सुरक्षित रह सके। इस गांव की स्थापना सुरक्षा का ध्यान रखते हुए 1990 में करीब 15 महिलाओं द्वारा शुरू किया गया था। यहां पर उन महिलाओं को रहने की जगह मिलती थी, जिनका ब्रटिश सैनिकों द्वारा रेप और यौन शोषण हुआ था। मगर आज इस गांव में और भी कई बेसहारा महिलाओं को रहने का स्थान मिला है। साथ ही उन्हें जीवन निर्वाह करने के लिए आजीविका का जरिया भी दिया जाता है। 

nari,PunjabKesari

पीड़ित महिलाओं को मिलता गांव में जगह

इस गांव में वे सभी महिलाएं रहती है, जो किसी न किसी हिंसा का शिकार हुई थी। ऐसे में जो महिलाएं रेप व घरेलू हिंसा और बाल विवाह के दुख से परेशान होती है, वे इस गांव में आकर खुद को सुरक्षित पाती है। यहां बता दें कि समुबरू के लोग पितृसत्ता को मानने में विश्वास रखते हैं। साथ ही यहां के पुरूष एक से अधिक विवाह भी करते हैं। इनसब से दुखी हो यहां कि महिलाएं उमोजा गांव की शरण ले लेती है। इस गांव में महिलाएं अपने बच्चों के साथ रहती है। यहां की महिलाएं खुद का व बच्चों का खर्च चलाने के लिए खुद ही काम करती है। साथ ही अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उनकी पढ़ाई पर भी पूरा जोर देती है। 

nari,PunjabKesari

इसतरह कमाती आजीविका

इस गांव की महिलाएं और बच्चे अपने हाथों से सामान तैयार कर बाजार में बेचने जाती है। इसतरह वे अपनी रोजमर्जा की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होती है। साथ ही जब उनके लड़के 18 साल के होने पर गांव को छोड़कर जाना पड़ता है। इसके साथ ही जो यात्री गांव घूमने आते हैं। उनसे मिलने वाले शुल्क से भी ये महिलाएं अपना खर्च चलाती है। इसके साथ ही गांव की बुजुर्ग महिलाएं कम उम्र की महिलाओं और लड़कियों को उनकी सुरक्षा के बारे में जागरूक करती है। यहां की महिलाएं सिर्फ गांव में रहने की जगह बाहर भी घूमने जाती है। वे अपने बच्चों के स्कूल, बाजार आदि जाती है। इस गांव में उनके रहने का एक मुख्य उद्देश्य अपने आत्मसम्मान को देखते हुए इज्जत से रहना है।

Related News