क्या आपकी त्वचा पर भी उभरी हुई गांठे दिखाई दे रही है? अगर गांठों में सजून, खुजली और दर्द महसूस हो तो इसे मामूली समझ इग्नोर ना करें क्योंकि ये संकेत है लिपोमा नामक बीमारी का। लिपोमा एक ऐसी बीमारी है, जिसमें त्वचा और मांसपेशियों के अंदर वसायुक्त गांठें बन जाती है। हालांकि यह कोई कैंसर नहीं लेकिन फिर भी ध्यान देना जरूरी है। चलिए आपको बताते हैं इसके कारण, लक्षण और ससही उपचार....
क्या है लिपोमा?
लिपोमा ऊतक का एक गोल या अंडाकार आकार का गांठ होता है जो त्वचा के ठीक नीचे बढ़ता है। लिपोमा सौम्य नरम ऊतक ट्यूमर हैं,जो वे धीरे-धीरे बढ़ते हैं लेकिन यह कैंसर नहीं होते।
किन लोगों को होती है अधिक समस्या?
यह समस्या ज्यादातर 45 से 55 साल की उम्र में होती है। कुछ लोगों के शरीर पर एक गांठ बनती है तो कुछ में अधिक से लिपोमा बन जाते हैं। वैसे तो इसका उपचार जरूरी नहीं होता लेकिन अगर यह दर्दनाक है या बढ़ रहा हो तो इलाज जरूरी है।
किन हिस्सों में होते है लिपोमा?
लिपोमा शरीर में कहीं भी हो सकते हैं लेकिन ज्यादातर यह गर्दन, कंधे, पीठ, पेट, हाथ और जांघों पर होते हैं। आमतौर पर यह 2 इंच (5 सेंटीमीटर) से कम होते हैं लेकिन कुछ मामलों में यह 6 इंच से अधिक चौड़े हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में नसों पर दबाव पड़ता है और इनमें दर्द होने लगता है।
लिपोमा के लक्षण
आमतौर पर यह मुलायम होते है और हल्के से दबाव या छूने पर आसानी से इधर-उधर चलते हैं। इनमें कोई लक्षण दिखाई नहीं देता।
लिपोमा के कारण
ज्यादा यह समस्या आनुवांशिक होती है। इसके अलावा डर्कम रोग, गार्डनर सिंड्रोम, लिपोमैटोसिस, और मैडेलुंग रोग के कारण लिपोमा की गांठें बन सकती हैं।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर गांठ के साथ सूजन, दर्द महसूस हो तो बिना देरी डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर सर्जरी द्वारा गांठों को निकाल देंगे। इसके अलावा गांठे हटाने के लिए लिपोसक्शन तकनीक का इस्तेमाल भी किया जाता है, जिसमें वसायुक्त गांठ को हटाने के लिए सुई का यूज होता है।