25 जनवरी की शाम पद्म पुरस्कार-2021 लिस्ट का ऐलान कर दिया गया जिसमें करीब 119 लोगों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। बता दें कि इस लिस्ट में 29 महिलाओं के नाम भी शामिल है। भारत सरकार की ओर से मिलने वाले ये अवॉर्ड सर्वोच्च नागरिक सम्मान में से एक हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहले इन्हें किन नामों से पुकारा जाता था और इसकी शुरुआत कैसे हुई। चलिए आज हम आपको बताते हैं इस पुरस्कार से जुड़ी कुछ खास बातें...
सबसे पहले जानिए क्यों दिया जाता है पद्मा अवॉर्ड?
पद्मश्री, भारत सरकार द्वारा देश-विदेश के उन नागरिकों को दिया जाने वाला सम्मान है जिन्होंने कला, शिक्षा, बिजनेस, साहित्य, साइंस, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन में कोई खास योगदान दिया हो। इससे पहले क्रमश: भारत रत्न, पद्म विभूषण को सर्वोच्चम स्थान प्राप्त है। बता दें कि विभिन्न क्षेत्रों में खास योगदान देने वालों को 'पद्म विभूषण', असाधारण व प्रतिष्ठित सेवा के लिए ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया जाता है।
पहले क्या थे पुरस्कारों के नाम
देश के 2 सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न और पद्म पुरस्कार की शुरुआत भारत सरकार ने 66 साल पहले 1954 में की थी। हालांकि तब सिर्फ पद्म विभूषण अवॉर्ड ही अस्तित्व में आया था। इसी के तहद पहले, दूसरे और तीसरे वर्ग में विजेताओं को सम्मानित किया जाता था। मगर, एक साल बाद 8 जनवरी, 1955 में राष्ट्रपति भवन ने एक अधिसूचना जारी करके इन्हें पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण का नाम दे दिया।
पद्म पुरस्कारों से जुड़ी कुछ खास बातें...
1. पद्मा पुरस्कार लिस्ट की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर की जाती है। इसके बाद मार्च या अप्रैल में होने वाले समारोह के दौरान राष्ट्रपति विजेताओं को सम्मानित करते हैं।
2. नियम के अनुसार, अगर किसी को वर्तमान में पद्मश्री मिला है तो उसे पद्म भूषण या पद्म विभूषण पांच साल बाद ही मिल सकता है। हालांकि सरकार कुछ विशिष्ट मामलों में पुरस्कार को लेकर छूट दे सकती है।
3. समारोह के दौरान राष्ट्रपति से सम्मान पाने वाले सभी विजेताओं के नाम भारत के राजपत्र में घोषित किए जाते हैं।
26 जनवरी 2021 में गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले संध्या के समय इन पुरस्कारों की लिस्ट जारी की, जिसमें कुल 119 लोगों के नाम थे। इसमें से 102 पद्म श्री, 7 पद्म भूषण और 10 पद्म विभूषण दिए जाएंगे। पुरस्कार पाने वालों में 29 महिलाएं, 10 एनआरआई/पीआईओ/ओसीआ, 16 मरणोपरांत, 1 ट्रांसजेंडर विजेता का नाम शामिल है।