एक मरीज को ठीक करने में डॉक्टर्स के साथ नर्स भी दिन-रात अपनी सेवा देती है। बात नर्स की करें तो मरीज के स्वस्थ होने के पीछे उनका भी एक बड़ा हाथ होता है। वहीं पिछले साल यानी 2020 से कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। रोजाना लाखों की गिनती में लोग इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं। साथ ही गंभीर मरीजों से अस्पताल लगातार भर रहे हैं। ऐसे में मरीजों की देखभाल के लिए नर्स का योगदान बेहद ही सराहनीय है। आज नर्सों की मेहनत के कारण कई सारे मरीज ठीक होकर अपने घर पहुंच गए है। हर एक की तरह नर्स का भी अपना परिवार होता है। मगर फिर भी वे हर चीज से पहले अपने कर्तव्य को पहल देती है। ऐसे में उनके इस कार्य के प्रति उन्हें धन्यवाद व अन्य लोगों को इस पेशे के प्रति उत्साहित करने के लिए हर साल 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस मनाना जाता है।
तो चलिए जानते हैं अंतरराष्ट्रीय दिवस का इतिहास, विषय व इसे मनाने का उद्देश्य...
अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस का इतिहास
आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म आज यानी 12 मई को हुआ था। वह नर्सिंग की जननी। ऐसे में उनके जन्मदिवस के खास मौके पर ही इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई है। इसे पहली बार सेलिब्रेट करने की घोषणा जनवरी सन 1965 में, इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स की गई थी। अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के खास दिन पर इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स द्वारा नर्सों को उनके काम के इस्तेमाल होने वाली चीजों की किट भी बांटी जाती है।
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने का इस साल (2021) का विषय
आपको बता दें, कि हर साल अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने के लिए एक विषय रखा जाता है। बात इस साल की करें तो इस बार 'नेतृत्व के लिए एक आवाज: भविष्य के स्वास्थ्य के लिए दृष्टि' का विषय चुना गया है। इसके आधार पर आने वाले समय में नर्सों का स्वास्थ्य सेवा में महत्व और नेतृत्व को लेकर ही काम किया जाएगा। वहीं कई अस्पतालों में इस विषय को लेकर चर्चाओं का आयोजन भी किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य
जैसे कि सभी जानते हैं कि एक नर्स अपनी पूरी मेहनत, लगन, अनुभव और ज्ञान से मरीजों का ख्याल रखती है। उनकी देखभाल में कोई भी कसर नहीं छोड़ती है। हम ऐसा भी कह सकते हैं कि नर्स के बिना स्वास्थ्य सेवाएं एक तरह से अधूरी है। मरीजों की देखभाल करने के लिए डॉक्टर की तरह नर्स भी विशेष प्रशिक्षण लेती है। फिर भी आमतौर डॉक्टरों के आगे नर्सों को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है। मगर एक रोगी के ठीक होने में नर्सों का भी उतना ही योगदान होता है, जिसे हमें भूलना नहीं चाहिए। ऐसे में नर्सों के काम को समझना, समाज में ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस काम के प्रति उत्साहित करना व सम्मान देना ही इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है।
इस तरह मनाते हैं यह दिन
इस दिन को मनाने के लिए विभिन्न अस्पतालों में नर्सों को उनके काम के प्रति प्रोत्साहित करते हुए उनका धन्यवाद किया जाता है। कई शहरों पर नर्सों के लिए खास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। बीते साल की तरह इस साल भी इस खास दिन को सेलिब्रेट करने के लिए ऑनलाइन कार्यक्रम रखें गए है। साथ ही कई कार्यक्रमों में बहुत सी नर्स कोरोना काल से संबंधी अपने अनुभव को सभी के साथ साझा करेंगी। इसके साथ ही स्वास्थ्य पर आधारित स्वस्थ परिचर्चाओं का भी आयोजन किया जाएगा।