29 MARFRIDAY2024 12:24:51 PM
Nari

इस दिन रखा जा रहा है ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत, सही मुहूर्त में पूजा करने से मिलेंगे अचूक लाभ

  • Edited By palak,
  • Updated: 01 Jun, 2023 06:28 PM
इस दिन रखा जा रहा है ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत, सही मुहूर्त में पूजा करने से मिलेंगे अचूक लाभ

हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या के दिन का बहुत ही खास महत्व बताया गया है। वहीं हिंदू कैलेंडर की मानें तो पूर्णिमा महीने का अंतिम दिन होता है। पूर्णिमा वाले दिन सभी नदियों में स्नान करने जाते हैं। यह व्रत धन, समृद्धि, सफलता और संतानदायक माना जाता है। माना जाता है कि यदि इस तिथि मां लक्ष्मी की पूजा की जाए तो वह जल्दी खुश होती हैं और अपनी कृपा बरसाती हैं। इसके अलावा इस दिन चंद्रमा भी अपनी पूरी 16 कलाओं के साथ दिखते हैं। ज्येष्ठ महीने में आने वाली पूर्णिमा का जेठ पूर्णमासी कहते हैं। इसके अलावा भारत की कई जगहों में इस वट पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस बार वट पूर्णिमा कब मनाई जाएगी आज आपको इसके बारे में बताएंगे। तो चलिए जानते हैं...

इस दिन मनाई जाएगी ज्येष्ठ पूर्णिमा 

पंचागों की मानें तो ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा तिथि 3 जून सुबह 11:16 मिनट से शुरु होगी और अगले दिन यानी की 4 जून को सुबह 09:11 मिनट पर खत्म होगी। वहीं 3 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि का समय ज्यादा प्राप्त हो रहा है ऐसे में इस दिन व्रत रखना काफी शुभ माना जाता है इसी दिन चंद्रमा को भी अर्घ्य दिया जाएगा। वहीं पंचागों की मानें तो वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत 3 जून को ही रखा जाएगा। वहीं उदयातिथि के अनुसार, 4 जून रविवार वाले दिन ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान किया जाएगा। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किसी तीर्थ नदी में स्नान और घाट के किनारे दान करने से व्यक्ति को परम सौभाग्य मिलता है। 

PunjabKesari

इस पूर्णिमा के व्रत का महत्व

पूर्णिमा वाले दिन भगवान विष्णु के रुप में भगवान सत्यनारायण की कथा पड़ी जाती है। वहीं यदि इस दिन रात में मां लक्ष्मी की पूजा की जाए तो धन-संपत्ति में बढ़ोतरी होती है। पूर्णिमा की रात में जो चंद्रमा की पूजा करता है उस जातक की कुंडली से चंद्र दोष भी दूर होता है। वैसे तो सारी पूर्णिमा बहुत ही महत्वपूर्ण माी जाती हैं परतु इस पूर्णिमा पर जल का दान करने से मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु और चंद्र देव का आशीर्वाद मिलता है।  इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज में गोपियों के साथ रास रचाया था ऐसे में इसे महारास के नाम से भी जाना जाता है। 

PunjabKesari

कैसे करें पूजा? 

ज्येष्ठ पूर्णिमा वाले दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और गंगा नदी में स्नान करें। भगवान विष्णु की प्रार्थना करें, इसके बाद भक्तजनों को वट वृक्ष या अक्षय वट वृक्ष की पूजा करनी चाहिए और भगवान का आशीर्वाद भी जरुर लेना चाहिए। वट-वृक्ष अमरत्व के कारण भी माना जाता है ऐसे में इसकी पूजा जरुर करें माना जाता है कि इसमें त्रिमूर्ति भगवान शिव, ब्रह्मा और विष्णु निवास करते हैं। इसके अलावा इस दिन ब्राह्मणों को कपड़े और भोजन दान करके उनका आशीर्वाद जरुर लें। 

PunjabKesari


 

Related News