हमारे देश में बहुत से ऐसे आईपीएस अधिकारी है जिनकी सफलता के पीछे का संघर्ष हम शायद नहीं जानते होते हैं। हर किसी को दिन रात एक कर इस पद को हासिल करना पड़ता है। चलिए आज हम आपको एक ऐसी ही आईपीएस अधिकारी की कहानी बताते हैं जो आज लोगों के लिए प्रेरणा बन रही है।
दरअसल यह कहानी है नागालैंड की आईपीएस अधिकारी प्रीतपाल कौर बत्रा की। जिन्होंने यह पद बहुत मुश्किल से हासिल किया और अब वह दूसरों के लिए मिसाल बन रही हैं। दरअसल डॉ कौर अपनी ड्यूटी के साथ-साथ छात्रों के लिए मुफ्त कोचिंग सेंटर भी चला रही हैं। इतना ही नहीं वह इसके साथ-साथ लोगों को जैविक खेती के बारे में भी बता रही हैं।
यहां के लोग सच्चे : डॉ कौर
बता दें कि डॉ कौर की पहली पोस्टिंग सब डिविजनल पुलिस ऑफिसर की पोस्ट पर नागालैंड हुई थी। वहां के लोगों ने डॉ कौर का बहुत अच्छे तरीके से स्वागत किया। डॉ कौर की मानें तो यहां के लोग बेहद सच्चे और दयालु हैं और जब वह यहां आई थी तो लोगों ने उनका बहुत अच्छे तरीके से स्वागत किया था। इससे उन्हें काम करने की नई उर्जा मिली।
शिक्षण और खेती में था काफी शौक
डॉ कौर की मानें तो उन्हें शुरू से ही शिक्षण और खेती में बहुत शौक था। यही वजह है कि उन्होंने सिविल एग्जाम की तैयारी करने वालों छात्रों को मुफ्त कोचिंग देनी शुरू की। इतना ही नहीं वह बच्चों के इन एग्जाम में आने वाली हर दिक्कत को दूर करती है और साथ ही में वह उनके लिए मुफ्त में किताबें भी उपलब्ध करवाती है ताकि बच्चों की तैयारी में कोई रूकावट न आए।
नशीली दवाओं की लत में आ चुके लोगों के लिए आगे आई
डॉ कौर के प्रेरणादायक काम यहीं नहीं रूके बल्कि उन्होंने नशीली दवाओं का शिकार हो चुके और इसकी चपेट में आने वाले लोगों का इलाज कर उन्हें जैविक खेती सिखाई।
50 छात्रों से की थी शुरूआत
डॉ कौर बताती हैं कि उन्होंने बच्चों को कोचिंग देने की शुरूआत महज 50 बच्चों के साथ की थी जो कि नौवीं कक्षा के थे। इतना ही नहीं इन बच्चों के लिए डॉ कौर ने किताबों का भी प्रबंध किया।
किसानों को जैविक खेती का प्रशिक्षण दे रही
डॉ कौर बच्चों को कोचिंग देने के साथ-साथ खेती में भी काफी रूचि रखती है। डॉ कौर बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ तुएनसांग के कृषि विज्ञान केंद्र के साथ भी काम कर रही हैं। वह वहां किसानों को आधुनिक जैविक खेती की सारी नईं तकनीकों के बारे में और इसके विषयों के बारे में प्रशिक्षण दे रही हैं।
नशीली पर्दाथों को रोकने के लिए चलाया अभियान
डॉ कौर ने युवाओं के लिए एक और काबिले तारीफ कदम उठाया । दरअसल उन्होंने कोचिंग सेंटर के साथ-साथ स्कूलों और कॉलेजों में नशीली दवाओं को पर्दाथों को रोकने के लिए और इनके खिलाफ भी एक अभियान चलाया जिसके तहत उन्होंने अपने डॉक्टर की ट्रेनिंग का इस्तेमाल कर कईं युवाओं को इस की चपेट से बाहर किया। इस मदद पर डॉ कौर ने कहा कि वह कईं जगह छापेमारी करते हैं जहां ऐसे नशीले सामान पकड़े जाते हैं लेकिन मेरे मन में हमेशा ही कुछ और करने का ख्याल आया था और मैनें सोचा कि क्यों न मैं एक डॉक्टर होने के नाते इन लोगों की काउंसिलिंग करूं। इसके बाद उन्होंने फैसला लिया कि वह इस नेक काम के बाद लोगों को डैविक खेती करना सिखाएंगी ताकि वह इस नशे की लत से बाहर आ सकें।
आपको बता दें आईपीएस प्रीतपाल कौर बत्रा मूल रूप से हरियाणा के यमुनानगर की रहने वाली है। साल 2016 में आईपीएस की परीक्षा पास कर उन्हें नागालैंड में बतौर सब-डिविज़नल पुलिस ऑफिसर भेजा गया था। डॉ कौर को उनके काम के लिए नागा हिल्स के रहने वाले लोग काफी सम्मान देते हैं और उनकी कोशिशों के चलते वहां नशीली दवाओं, एचआईवी एड्स के बारे में लोग आज काफी जागरूक है।
सच में डॉ कौर हम सब के लिए प्रेरणा है। हम उनके इस काम के लिए उनको सलाम करते हैं।