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घर में छोटे बच्चे हैं तो बरते ये सावधानी- कम उम्र के बच्चों से परिवार में तेजी से फैलता है संक्रमण

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 21 Aug, 2021 01:32 PM
घर में छोटे बच्चे हैं तो बरते ये सावधानी- कम उम्र के बच्चों से परिवार में तेजी से फैलता है संक्रमण

कोरोना वायरस की तीसरी लहर का खतरा अभी भी पूरे देश पर बना हुआ है। जिसके चलते लोगों को अभी भी ऐहतियात बरतने की आवश्यकता है। इसी बीच एक चौंकाने वाली रिसर्च सामने आई है। जिसमें कई अहम बातों की जानकारी दी गई है। रिसर्च के अनुसार,  3 साल से कम उम्र का बच्चा अगर कोरोना से संक्रमित होता है, तो घर के बड़े लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है। 

3 साल से कम उम्र बच्चों से घर के सदस्यों के संक्रमित होने का खतरा 1.4 गुना ज्यादा
दरअसस, कनाडा की स्वास्थ्य एजेंसी की एक रिसर्च के अनुसार 14 से 17 साल के टीनएजर्स के मुकाबले 3 साल से कम उम्र के बच्चों से घर के सदस्यों के संक्रमित होने का खतरा 1.4 गुना ज्यादा है। वहीं  छोटे बच्चों से 20 से 40 साल की उम्र वाले लोगों में संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ सकता है, जबकि बड़े बच्चों से 40 से 60 साल की उम्र वाले लोगों में संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।

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फिजिकल कॉन्टैक्ट रखने से है बड़ों में संक्रमण का अधिक खतरा
रिसर्च के मुताबिक, छोटे बच्चों से संक्रमण का खतरा इसलिए भी ज्यादा होता है क्योंकि उनके घर के बाकी सदस्यों के साथ फिजिकल कॉन्टैक्ट बड़ो से अधिक होता है। साथ ही छोटे बच्चों को आइसोलेट करना भी मुश्किल होता है, इसलिए इनका ख्याल रखने वाले लोगों में संक्रमण का खतरा अधिक है। 

टीनएजर्स के मुकाबले बच्चों से संक्रमण का खतरा अधिक
बच्चों से बड़ों में संक्रमण फैलने के खतरे को जानने के लिए इस शोध को  6,280 ऐसे घरों में किया गया है जहां 3 से लेकर 17 साल तक के बच्चे शामिल थे। रिसर्चर्स का कहना है कि 1 लाख संक्रमित छोटे बच्चों से 30,548 फैमिली मेंबर्स को संक्रमित होने का खतरा रहता है। दूसरी ओर टीनएजर्स से संक्रमण का खतरा इससे कम रहता है। 

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क्यों है बच्चों से संक्रमण का अधिर खतरा
रिसर्चर्स के अनुसार बड़े बच्चों की तुलना में छोटे बच्चों से परिवार के सदस्यों को संक्रमण का खतरा बढ़ने की दो वजहें हैं।
एक तो यह कि छोटे बच्चों के नाक और गले में वायरस लोड, बड़े बच्चों की अपेक्षा ज्यादा होता है। तो वहीं दूसरी वजह यह है कि संक्रमण के बाद किसी तरह का लक्षण नजर न आना। बच्चों के एसिम्प्टोमैटिक होने की वजह से बड़ों तक यह इन्फेक्शन आसानी से पहुंच जाता है।

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बच्चों में इन लक्षणों को देखते ही डाॅक्टर से करे संपर्क
-पेट दर्द
-चकत्ते
-उल्टी
-गर्दन में दर्द
-बहुत ज्यादा थकान
-दस्त
-बुखार

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माता-पिता रखें इन बातों का ध्यान
एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चों के जरिए बड़ों में संक्रमण बहुत तेजी से नहीं फैलता है, लेकिन फिर भी अलर्ट रहने की जरूरत है। अगर घर में बच्चा संक्रमित है तो माता-पिता ऐहतियात बरते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे और मास्क जरूर लगाए। 

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