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बच्चों को कैसे और किस उम्र में दें सेक्स एजुकेशन?

  • Edited By Bhawna sharma,
  • Updated: 23 May, 2021 02:38 PM
बच्चों को कैसे और किस उम्र में दें सेक्स एजुकेशन?

बच्चों का मन गीली मिट्टी जैसा होता है। उन्हें जिस तरह आकार दिया जाए वह उसी में ढल जाते हैं। पेरेंट्स बच्चों को बड़ों का सम्मान करना, झूठ न बोलना और जीवन से जुड़ी अन्य बातें सिखाते हैं लेकिन जब फिजिकल एजुकेशन की बात आती है तो वह हिचकिचाने लगते हैं। उनके मन में एक ही सवाल आता है आखिर बच्चों को इस बारे में कैसे बताएं? भले ही, यह एक सेंसेटिव टॉपिक है लेकिन अगर समय रहते बच्चों को इस बारे में न बताया जाए तो उन्हे आगे चलकर कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। 

इसलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि बच्चों से इस विषय पर कैसे बात और किस उम्र में कितनी बात करें। 

​गुड और बैड टच

2 से 5 साल की उम्र में बच्चे अपने शरीर के अंगों के बारे में जानना सीखते हैं। ऐसे में उन्हें शरीर के अंगों के नाम के साथ-साथ उनके कामों के बारे में बताएं। इसके साथ ही बच्चों को गुड और बैड टच के बारे में भी जानकारी दें। उन्हें यह भी समझाएं कि प्राइवेट पार्ट्स को बाहर जाकर मत छुएं और अगर कोई दूसरा उन्हें छूने की कोशिश करे तो तुरंत घर पर बताएं। 

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बिना हिचकिचाए दें जवाब

जब बच्चे 5 से 8 साल की उम्र में होते हैं तो वह हर बात को बड़े आराम से समझते हैं। इस उम्र में वह कई सवाल भी पूछते हैं जिनका आप बिना हिचकिचाए जवाब दें। इस दौरान आप उन्हें बताएं कि कैसे उसका जन्म हुआ। बच्चों को बताएं कि उसके पापा के शरीर में एक सेल होता है जिसे स्पर्म कहते हैं। वहीं उसके मम्मी के शरीर में भी एक सेल होता है जिसे एग कहा जाता है और बच्चा जब पैदा होता है तो उसे यूट्रस से बाहर निकाला जाता है। 

फिजिकल रिलेशन के बारे में बताएं

कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जिनमें उम्र के साथ-साथ फिजिकल रिलेशन के बारे में जानने को लेकर उत्‍सुकता बढ़ने लगती है। ऐसे में जब आपको बच्चा 9 से 12 साल की उम्र का हो तो उसे इस बारे में जानकारी देनी शुरू करें। इसके साथ ही इस उम्र की लड़कियों को पेरेंट्स पीरियड्स के लिए तैयार करें और उन्हें इस बारे में बताएं। 

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सेक्सुअली ट्रांसमीटेड डिसीज़

12 से 19 साल की टीनएज में बच्चे फिजिकल एजुकेशन के साथ-साथ डेटिंग, गर्भनिरोधक, सेक्सुअली ट्रांसमीटेड डिसीज़ के बारे में बताएं। साथ ही उन्हें समझाएं कि किस उम्र में शारीरिक संबंध बनाने चाहिए। उन्हें यह भी बताएं कि फिजिकल रिलेशन के लिए हमेशा हां ही नहीं बल्कि न बोलना भी सीखें। 

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सेक्स एजुकेशन क्यों जरूरी?

. बच्चों को अपने शरीर के बारे में पूरी जानकारी मिल सके।

. लड़का हो या लड़की दोनों के साथ कंफर्टेबल होकर बात कर सके। 

. यौन शोषण, बलात्कार को समझ सकें।

. सेक्सुअली ट्रांसमीटेड डिसीज़ को लेकर जागरुकता

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