23 DECMONDAY2024 4:18:43 AM
Nari

Mahatma Gandhi को किसने दी थी बापू की उपाधि?

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 31 Jan, 2024 12:19 PM
Mahatma Gandhi  को किसने दी थी बापू की उपाधि?

कल यानी 30 जनवरी को देश के राष्ट्रपति महात्मा गांधी की पुण्यतिथि थी। नाथूराम गोडसे ने साल 1948 की 30 जनवरी को गोली मारकर महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी। गांधी जी की याद में इस दिन उनकी पुण्यतिथि मनाई जाती है। गुजरात के पोरबंदर में जन्मे गांधी जी का असल नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, उन्हें भारत की आजादी की लड़ाई में बढ़कर भाग लिया और अहिंसा का मार्ग पर चलते हुए देश को आजादी भी दिलाई। भारत में प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद गांधी जी ने इंग्लैंड गए थे, लेकिन कुछ ही दिनों में वापस लौट आए थे। आइए आपको बताते हैं महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े कुछ रोचक किस्से और साथ ही ये भी की वो कैसे देश के राष्ट्रपिता बने थे....

सुभाष चंद्र बोस ने दी थी बापू की उपाधि

गांधी जी को आज तो वैसे पूरा देश बापू के नाम से जानता है, लेकिन उनको ये उपाधि सुभाष चंद्र बोस ने दी थी। 6 जुलाई 1944 को गांधीजी की पत्नी कस्तूरबा गांधी का निधन हो गया था। तब ये शीर्षक उन्हें मिला था। 'बापू' का अर्थ 'पिता' होता है। गांधीजी को 'महात्मा' और 'राष्ट्रपिता' की उपाधि मिली थी।

आजादी के लिए गांधी जी ने किया था आंदोलन

स्वतंत्रता के लिए गांधी जी ने एक नहीं कई सारे आंदोलन किए। इसमें सत्याग्रह और खिलाफत आंदोलन, नमक सत्याग्रह, डांडी यात्रा आदि शामिल है। गांधी जी ने देश की आजादी की लड़ाई में अहिंसा की सिद्धांत अपनाया। हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच सौहार्द और एकता बढ़ाने की कोशिश किया।

PunjabKesari

आजादी के बाद

भारत की आजादी के बाद गांधी जी ने देश में सामाजिक के साथ आर्थिक सुधार लाने का काम किया और हिंदू- मुस्लिम एकता को बढ़ावा दिया। उन्होंने सच्चाई, संयम और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।

सादगी ही सौन्दर्य

देश को आजादी दिलवाने के लिए बापू ने अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया। सादगी से पूरा सिर्फ धोती से जीवन बिताया। लोग उन्हें पिता के तरह प्यार करते और बापू बुलाते थे।

PunjabKesari

कैसे बने देश के राष्ट्रपिता

महात्मा गांधी को राष्ट्रपति कहने का स्नोत पहली बार सुभाष चंद्र बोस ने दिया था। सुभाष चंद्र बोस ने गांधी जी तो राष्ट्रपति कहकर सम्मानित किया था क्योंकि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनका महत्वपूर्ण योगदान था और वो देश की आजादी की लड़ाई में प्रमुख नेता बन गए, इसके बाद से उन्हें राष्ट्रपिता के नाम से जाना जाने लगा।

 

PunjabKesari

Related News