काफी लोग तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं। रात को इन बर्तनों में रखा हुआ पानी सुबह खाली पेट पीते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, तांबे के बर्तनों में रखा पानी पीना बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। प्राचीन काल में भी बहुत से लोग इस बर्तन में पानी पीते थे। तांबे के बर्तन में पानी पीने से आपको एनर्जी मिलती है और शरीर में मौजूद सारे टॉक्सिन्स पदार्थ भी बाहर निकलते हैं। रात भर तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से पानी में मौजूद बैक्टीरिया नष्ट होते हैं और पानी भी शुद्ध होता है। इस बर्तन में रखा पानी एक नैचुरल डिटॉक्स ड्रिंक के रुप में माना जाता है। लेकिन इस बर्तन में पानी पीने से पहले कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं इनके बारे में...
गर्मी के मौसम में तांबे में रखा पानी पीने से हो सकता है नुकसान
तांबे के बर्तन में रखे पानी में एंटीसेप्टिक और गर्म शक्ति के गुण होते हैं। यह तत्व गर्मी जैसी मौसम के अलावा शरीर के लिए सर्दियों में ज्यादा लाभकारी होते हैं। इसलिए तांबे के बर्तन में पानी पीना सर्दियों में ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।
अच्छे से पानी को स्टोर न करना
यदि आप तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीते हैं तो उसे कम से कम 6-8 घंटे के लिए स्टोर करके रखें। लंबे समय तक पानी को इसलिए रखना चाहिए ताकि उसमें आयरन तत्वों की कमी न हो सके।
ज्यादा पानी न पिएं
तांबे में रखा हुआ पानी स्टोर करने के लिए कमरे का तापमान एकदम सही है। फ्रिज में तांबे के पानी को न रखें। दिन में या फिर लंबे समय तक एक या दो गिलास से ज्यादा पानी भी न पिएं। इससे आपको गर्मी और त्वचा संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
एसिडिटी की समस्या से ग्रस्त व्यक्तियों को नहीं पीना चाहिए पानी
यदि आपको एसिडिटी, रक्त संबंधी या फिर शरीर में गर्मी से संबंधी समस्याएं हैं तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसी समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति को तांबे का पानी पीने से मतली और उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
सफाई का रखें विशेष ध्यान
तांबे के बर्तनों की अच्छे से सफाई करना भी आवश्यक है। यदि बर्तनों की अच्छे से देखभाल न की जाए तो वह ऑक्सीकृत हो जाते हैं। बर्तनों को अच्छे से धोने के लिए आप नींबू के रस या फिर इमली के गूदे का इस्तेमाल कर सकते हैं। बर्तनों का ज्यादा सूखा ही रखें और किसी डार्क जगह पर इन्हें स्टोर बिल्कुल भी न करें।