कोरोना के मामलों में अब कुछ कमी आने लगी है। मगर फिर भी इससे सुरक्षित रहने के लिए हर किसी को कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करने की जरूरत है। वहीं कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने का अभी खतरा है। साथ ही वैज्ञानिकों द्वारा यह तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक बताई जा रही है। ऐसे में इस दौरान बच्चों की देखभाल पर खास ध्यान देने की जरूरत है। वहीं बच्चों की सेहत को लेकर पेरेंट्स के मन में बहुत से सवाल है।
चलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको बच्चों की सुरक्षा व देखभाल से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हें...
- बच्चों को कोरोना वायरस का कितना खतरा?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, अभी तक कोरोना का असर बच्चों में काफी कम देखने को मिला है। 18 साल से कम उम्र के बच्चों में 2 प्रतिशत से अधिक कोरोना के केस पाए गए हैं। इनमें करीब 3 प्रतिशत से कम मामलों में कोरोना के गंभीर लक्षण मिले हैं। वहीं दूसरी ओर कई कोरोना संक्रमित बच्चे लक्षणों की शुरुआत के 1 या 2 हफ्तों के बीच ही स्वस्थ हो गए थे।
- बच्चों में कोरोना वायरस के लक्षण
वैसे तो कोविड 19 के लक्षण बच्चों में बड़ों के जैसे ही दिखाई देते हैं। मगर बच्चों में ये लक्षण वयस्कों की तुलना में काफी हल्के होते हैं। वहीं हम यूं भी कह सकते हैं कि कोरोना की शुरुआत में बच्चे में हल्के लक्षण देखने को मिलती है। चलिए जानते हैं बच्चों में कोरोना के दिखने वाले सामान्य और गंभीर लक्षण
सामान्य लक्षण
- बुखार होना
- खांसी आना
- डायरिया की शिकायत
- पेट, सिर दर्द और बदन दर्द
- थकान व कमजोरी महसूस होना
- नाक बहने की परेशानी
- गले में खराश की समस्या
- बच्चे में चिड़चिड़ापन
- स्वाद और गंध महसूस ना होना
गंभीर लक्षण
- सांस लेने में दिक्कत आना
- सीने में दर्द होना
- ऑक्सीजन लेवल कम होकर 90 से नीचे गिरना
इसके अलावा कुछ बच्चों में मल्टी सिस्टम इन्फलेमेटरी सिंड्रोम भी देखने को मिल सकते हैं। इस रोग से पीड़ित बच्चे को लगातार 100 डिग्री से अधिक बुखार रहता है।
- इस समय बच्चे का कोरोना टेस्ट करवाने की जरूरत
बात बच्चे का कोविड टेस्ट करवाने की करें तो एक्सपर्ट्स के अनुसार इसकी जरूरत तब पड़ती है जब घर में कोई कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इसके साथ ही अगर बच्चा किसी कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आया हो। इसके अलावा अगर बच्चा किसी कोरोना मरीज के संपर्क में ना आया हो मगर फिर भी उसमें खांसी, बुखार, थकान जैसे शुरुआती लक्षण दिखाई दे तो परेशान ना हो। इसके लिए आप उसका घर देसी नुस्खों व डॉक्टर के बताएं अनुसार इलाज करें। हां, लक्षण अधिक हो या 2-3 दिन में बच्चा ठीक न हो तो उनका टेस्ट करवाएं।
- इस समय जाएं डॉक्टर के पास
अगर बच्चे में बुखार, सर्दी, खांसी, सुस्ती, चिड़चिड़ापन आदि हल्क लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर से ऑनलाइन सलाह लें। इसतरह आप घर पर आसानी से बच्चे की देखभाल कर सकती है। मगर बच्चा किसी कोरोना मरीज के संपर्क में आया साथ ही उसे सांस लेने में तकलीफ, शरीर का नीला पड़ना, बच्चे के व्यवहार में बदलाव दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
- ऐसे करें बच्चे की कोरोना काल में देखभाल
- बच्चे को सही तरीके से हाथ धोना सिखाएं। उसे पर्सनल हाइजीन के बारे में बताएं।
- किसी के खांसते, छींकते व बीमार व्यक्ति से बच्चे को दूर रखें।
- बच्चे को घर से बाहर ना जाने दें। अगर घर से बाहर जाना है तो उसे मास्क पहनाएं बिना ना भेजे।
- उसे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना सिखाएं।
- घर के एसी, रिमोट, स्टडी टेबल, दरवाजे के हैंडल, लाइट के स्विच, सिंक आदि चीजों की रोजाना सफाई करें। साथ ही घर की उन सभी जगहों की रोजाना सफाई करें जिससे बच्चे व घर से सभी सदस्य बार-बार छूते हैं।
- बच्चे के कमरे व खिलौनी की सफाई का भी ध्यान रखें। उनके खिलौनों को कंपनी द्वारा बताएं निर्देशों से साफ करें।
- उसके कपड़ों को गर्म व डेटॉल से धोएं।
- उन्हें मसालादार व जंक फूड ना खाएं।
- डेली डाइट में हरी सब्जियां, डेयरी प्रोडक्ट्स, सूखे मेवे, साबुत अनाज, जूस आदि शामिल करें।
- बच्चों से रोजाना 30 मिनट योगा या एक्सरसाइज करवाएं।