प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक इस बात का इतिहास गवाह है कि महिलाएं समाज में किसी ना किसी स्तर पर अपना पूर्ण योगदान देती आई हैं। अगर इतिहास पर नजर डालें तो उस दौरान कई ऐसी रानियां और महारानियां थी जो अपनी बेमीसाल खूबसूरती और बहादुरी के लिए जानी जाती थी। सिर्फ खूबसूरती ही नहीं उनका फैशन भी कमाल का था जिस आज भी फॉलो किया जाता है। चलिए आज जानते हैं इन रानियों के बारे में विस्तार से।
गायत्री देवी
सबसे पहले बात करते हैं दुनिया की सबसे खूबसूरत महिलाओं में शामिल रहीं जयपुर की महारानी गायत्री देवी की अपनी जिंदगी और जीने के खास अंदाज के लिए मशहूर थीं। मात्र 12 साल की उम्र में महारानी गायत्री देवी 21 साल के जयपुर के महाराजा पर दिल हार बैठी थीं, जिन्हें वह प्यार से ‘जय’ बुलाती थीं। वह सबसे मॉडर्न, इंडिपेंडेंट और फैशनेबल महारानियों में से एक हुआ करती थीं। जब वह शिफॉन की साड़ी के साथ पर्ल का नेकलेस पहनकर निकलती थी तो लोग उनकी खूबसूरती निहारते रह जाते थे।
महारानी गायत्री की शादी थी सबसे महंगी
महारानी गायत्री देवी एक अच्छी घुडसवारिका और पोलो की खिलाड़ी भी थीं। गायत्री देवी का निशाना भी कमाल का था, वह अक्सर शिकार पे भी जाया करती थीं। महारानी को गाडिओं का भी काफी शौक था, उन्होंने भारत में पहली मर्सिडीज़-बैन्ज़ W126 इम्पोर्ट की थी और उनके पास खुद का एक हवाई जहाज, और रोल्स रॉयस गाड़ियां भी थीं। गायत्री देवी ने 9 मई 1940 में महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय से तीसरी शादी की थी। वह इतिहास की अभी तक की सबसे महंगी शादी मानी जाती है, 'गिनीज बुक ऑफ़ रिकार्ड्स' में भी यह शादी दर्ज है।
महारानी सीता देवी
अब बात करते हैं महारानी सीता देवी की जो आजादी से पहले देश ही नहीं बल्कि यूरोप में आकर्षक महिलाओं में शुमार हुआ करती थी। पार्टियों की वो शान होती थीं। पहली शादी के बाद जब उन्हें महाराजा बड़ौदा से प्यार हुआ तो तहलका मच गया. उन्होंने मुस्लिम धर्म अपनाकर पति से तलाक लिया। सीता देवी सुंदरता और स्टाइल के कारण लोगों का ध्यान अपनी और खींच लेती थी। जो देखता मोहित हुए बगैर नहीं रह पाता था। वह अपने जमाने में हाईसोसायटी की जान हुआ करती थी। महारानी ने यूरोप में अपनी खास पहचान बना ली थी उनका अपना रुतबा था।
महारानी चिमनाबाई द्वितीय
बड़ौदा की महारानी चिमनाबाई द्वितीय योद्धा के रूप में उभरी थी। महारानी चिमनाबाई 1927 में अखिल भारतीय महिला सम्मेलन की पहली अध्यक्ष बनीं और बड़ौदा की प्रमुख महिला नेताओं में से एक थीं। बड़ौदा की महारानी के रूप में उन्होंने महिलाओं को प्रेरित, प्रोत्साहित और सशक्त बनाया। उन्होंने अपना जीवन महिलाओं की शिक्षा के लिए समर्पित कर दिया और पर्दा व्यवस्था और बाल विवाह को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह खुद को समृद्ध कढ़ाई और अलंकरण के साथ रेशम जैसे शानदार कपड़ों से बुनी हुई साड़ियों से सजाती थी, उनका ये अंदाज बेहद पसंद किया जाता था।
महारानी चिंकू राजे सिंधिया
भारत की छोटी रानी के रूप में जानी जाने वाली इस रानी ने एक समाज सुधारक और फैशनपरस्त के रूप में एक आकर्षक जीवन जीया। महारानी चिंकू रानी सिंधिया परिवार की उन रानियों में से एक थीं जिन्हें आज भी उनकी कद-काठी के लिए याद किया जाता है। उनकी ऊंचाई के बावजूद, महारानी की निर्णय लेने की क्षमता शाही परिवार का नेतृत्व करने के लिए काफी बड़ी थी और शाही अधिकारों और जिम्मेदारियों का ख्याल रखने के लिए काफी मजबूत थी। महारानी को जूते और साड़ियों को बेहद शौक था।
चंदेरी साड़ियां बेहद पसंद करती थी महारानी चिंकू
ऐसा माना जाता है कि महारानी चिंकू रानी साहब को चंदेरी साड़ियां बेहद पसंद थीं। उन्होंने इन साड़ियों को अधिकतम अवसरों पर पहनकर अपने प्यार को परिभाषित किया। जिस समय चिंकू रानी का शासन था, उस समय चंदेरी साड़ियों का कपड़ा फल-फूल रहा था और इसलिए उनके साड़ियों के संग्रह में मुख्य रूप से चंदेरी कपड़े शामिल थे।
भोपाल की नवाब बेगम साजिदा सुल्तान
पटौदी की बेगम साजिदा सुल्तान की अलमारी में सबसे प्रसिद्ध पोशाक उनकी शादी की पोशाक थी। उनके वेडिंग लहंगे की ये खासियत थी कि इसे बड़े ही किफायती तरीके से बनाया गया था। शर्मिला टैगोर ने अपने निकाह के लिए अपनी सासू मां साजिदा का शरारा लहंगा ही पहना था। यही नहीं, करीना कपूर ने भी उसे पहना था। आज भी उनके इस वेडिंग आउटफिट को कोई टक्कर नहीं दे पाया है।
पटियाला की रानी यशोदा देवी:
भारत की सबसे खूबसूरत रानियों में से एक, रानी यशोदा देवी जटिल आभूषणों और अन्य अलंकरणों की पारखी थी। रियासत में एक प्रमुख व्यक्ति होने के नाते, वह फैशन में अपनी परिष्कृत शैली के लिए जानी जाती थीं। उनके कपड़ों की पसंद से पटियाला शाही दरबार की समृद्धि और सांस्कृतिक समृद्धि झलकती थी। उनका 'पटियाला नेकलेस' कार्टियर द्वारा प्रसिद्ध रूप से डिजाइन किया गया था।