आज यानि 11 सितंबर को अमेरिका में हुए दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादी हमले को 20 साल पूरा हो गए है। मगर फिर भी इस भयानक मंजर को आजतक लोग भूला नहीं पाए है। बता दें, अमेरिका के न्यूयाॅर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में 11 सितंबर 2001 को यह आतंकों द्वारा हमला हुआ था। उस समय वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर में करीब 18 हजार कर्मचारी काम कर रहे थे। मगर सुबह के 8:46 बजे कुछ ऐसा हुआ जिससे पूरी दुनिया कांप उठी।
करीब 3,000 लोगों ने गंवाई जान
दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में शुमार न्यूयॉर्क का वर्ल्ड ट्रेड सेंटर कुछ ही मिनटों में जलकर खाक हो गई थी। इसमें करीब 3,000 लोगों की मौत हो गई थी। जान गंवाने वालों में सैकड़ों पुलिस ऑफिसर, फायर फाइटर्स भी शामिल थे। हमला करने वो शख्स अलकायदा का खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन था।
दो विमानों से हुआ था वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला
उस दिन अलकायदा आतंकवादियों ने चार यात्री जेट एयरलाइलर्स का अपहरण हो गया था। तब अपहरणकर्त्ताओं ने उनमें से दो विमानों को न्यूयाॅर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, ट्विन टावर्स के साथ टक्कर मारी थी। इस खौफनाक हमले में विमान में सवार सभी यात्री और उस बिल्डिंग में काम कर रहे लोग मौत के मुंह में चले गए। इसके साथ ही आसपास की इमारतों को भी खत्म हो गई थी।
77 देशों के लोगों की हुई थी मौत
आतंकवादियों का तीसरा विमान वाशिंगटन डीसी के बाहर पेंटागन में और चौथा पेंसिलवेनिया के मैदान में गिर गया था। बता दें, इस आतंकी हमले में मरने वालों में दुनियाभर से 77 देशों के लोग शामिल थे।
अमेरिका के इतिहास में करार किया काला दिन
इस हमले में अलकायदा के 19 आतंकी थे। इस खतरनाक हमले ने दुनियाभर के लोगों की रूह कांप कर रख दी। साथ ही अमेरिका के उस समय के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने 11 सितंबर की इस घटना को अमेरिकी इतिहास का ‘सबसे काला दिन’ ऐलान कर दिया था। बता दें, इस हमले के बाद वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से अलग-अलग तरह का करीब 18 लाख टन मलबा निकाला। साथ ही इसे हटाने में करीब 9 महीने का समय लगा था।
अमेरिका ने अफगानिस्तान से तालिबान की सत्ता को हिला दिया
इस हमले के बाद इसका बदला लेने के लिए अमेरिका ने सद्दाम हुसैन को मार गिराया। इसके साथ ही अफगानिस्तान को तालिबान की सत्ता से मुक्त कवा दिया। उसके बाद आतंकी ओसामा बिन लादेन जो पाकिस्तान में छिपा था इसे भी मारकर अपना बदला लिया।