दीवाली से 2 दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतिर के अलावा भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन अगर आप कुछ खरीदारी करते हैं तो उसमें सालभर तेरह गुना की बढ़ोतरी होती है और घर में सुख समृद्धि आती है. साथ ही पैसों की कमी कभी नहीं होती इसलिए तो इस दिन खरीददारी करना बहुत शुभ माना जाता है लेकिन इस दिन कुछ चीजें घर में लेकर आनी अशुभ मानी जाती है इसलिए अगर आप इस दिन उन चीजों को खरीदने से बचे।
धनतेरस पर ज्यादातर लोग सोने-चांदी से बनी चीजों को प्रमुखता से खरीदते हैं और इसके लिए शुभ मुहूर्त पर विचार भी करते हैं। सोने-चांदी के गहने खरीदे वाले हैं तो बता दें कि सोना-चांदी खरीदने के लिए शाम 06 बजकर 20 मिनट से लेकर 08 बजकर 11 मिनट तक का समय रहेगा। इसके अलावा अगर सुबह के मुहूर्त पर विचार किया जाए तो सुबह 11 बजकर 30 मिनट से खरीदारी कर सकते हैं। लेकिन 02 नवंबर को राहुकाल के समय धनतेरस पर शुभ खरीदारी से बचें।
अब जानिए आपको क्या खरीदना चाहिए और क्या नहीं?
सोना-चांदी के अलावा पीतल की चीजें और झाड़ू खरीदना शुभ माना गया है। लेकिन काले रंग की वस्तुएं, कांच, एल्युमीनियम और लोहे से बनी चीजें नहीं खरीदना चाहिए।
आमतौर पर लोग बर्तन खरीदते हैं लेकिन ऐसा करते समय ध्यान रखें कि वह बर्तन लोहे स्टील और एल्युमीनियम के ना हो क्योंकि यह भी एक प्रकार का लोहा ही माना जाता है इसकी जगह पर तांबे या पीतल के बर्तन खरीदें। इसी के साथ याद रखें कि खाली बर्तन घर ना लेकर आए। घर के अंदर ले जाने से पहले बर्तन के अंदर पानी भर लें। वैसे तो दीवाली के मौके पर लोग एक दूसरे को गिफ्ट देते हैं लेकिन धनतेरस वाले दिन ऐसा करने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर किसी को कुछ देना अपना गुड लक (सौभाग्य) देने के बराबर है।
बहुत से लोग इस दिन कार खरीदते हैं लेकिन कार घर लाने से एक दिन पहले इसकी कीमत चुका देनी चाहिए। इस दिन कांच खरीदना भी शुभ नहीं माना जाता इसलिए ऐसा करने से परहेज करें।
इस दिन तेल खरीदना भी अशुभ माना जाता है और कहा ये भी जाता है कि इस दिन किचन में भी कम से कम तेल का इस्तेमाल करना चाहिए।
धनतेरस मनाने के नियम
धनतेरस की शाम को मुख्य द्वार, आंगन और घर के दक्षिण दिशा में दीपक जलाएं। धनतेरस के दिन यम के नाम से भी दीपक रखे जाते हैं। दरअसल यम के लिए आटे का दीपक बनाकर घर के मुख्य द्वार पर रखा जाता है। इस दीप को यमदीवा अर्थात् यमराज का दीपक कहा जाता है। रात को घर की स्त्रियां दीपक में तेल डालकर नई रूई की बत्ती बनाकर, चार बत्तियां जलाती हैं। जल, रोली, फूल, चावल, गुड़, नैवेद्य आदि सहित दीपक जलाकर स्त्रियां यम का पूजन करती हैं।
दीप जलाते समय पूर्ण श्रद्धा से उन्हें नमन तो करें। साथ ही यह भी प्रार्थना करें कि वे आपके परिवार पर दया दृष्टि बनाए रखें और किसी की अकाल मृत्यु न हो। इस पूजा से घर सुख-सुविधा और धन-धान्य से भरा रहता है।
आपको धनतेरस और दीपावली की शुभ कामनाएं। पैकेज अच्छा लगा तो इसे लाइक और शेयर करना ना भूलें।