बच्चों को बेहतर इंसान बनाने के लिए पेरेंट्स को बच्चों पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत होती है। जिससे आपके बच्चे सामाजिक रूप में ढल सकें और एक बेहतर इंसान बनकर निकलें। इसलिए आज हम आपके लिए ऐसे गोल्डन रूल्स और टिप्स लेकर आए है। जिनकी मदद से आप बच्चों को एक बेहतर और सफल इंसान बना सकते हैं। इन टिप्स को अपनाने के बाद ना तो आपके बच्चे बात-बात में जिद करेंगे और ना ही ऐसा होगा कि वो आपकी बात ना सुनें।
बच्चों को चीजों की वैल्यू समझाएं
बच्चों को सुख सुविधाएं देना हर माता पिता की जिम्मेदारी होती है लेकिन आप इसे थोड़ा लिमिट में करें। क्योंकि अगर आप बच्चों की हर इच्छा पूरी कर देते है। उसे बोलेने के पहले ही चीज या कोई वास्तु लाकर दे देते है। ऐसा करने से बच्चा बिगगड़ जाता है। मान लीजिए आपका बच्चा नौकी क्लास में पड़ता है। दूसरे बच्चों को देखकर उसने आपसे आईफोन की मांग की है। अगर आप उसकी यह मांग पूरी कर देते है। तो यह ठीक नहीं है। यह आपका बच्चे के प्रति प्यार नहीं फैशन और स्टेटस सिंबल है। इससे बच्चे चीजों की वैल्यू करना बंद कर देंगें, वो मेहनत से दूर भागेंगे क्योंकि आपने उनके लिए एक शॉर्टकट पहले से ही तैयार कर रखा है। सोचिए अगर आप अपने बच्चों को महंगे फोन अभी से देने लगे तो वो पहली सैलरी की वैल्यू कभी समझ ही नहीं पाएंगे। कई मामलों में ऐसे बच्चे मेहनती नहीं बन पाते और ये हमेशा याद रखिए कि अगर बच्चा मेहनत से दूर भागेगा तो आपका बच्चा सफल नहीं बन पाएगा।
बच्चों से हरअपडेट लें
जब भी आप काम से घर आते है थोड़ी रेस्ट करने के बाद एक घंटा अपने बच्चों के साथ बिताएं। उनके साथ मिल्क शेक, मैंगो शेक या बनाना शेक का एक-एक गिलास लेकर कहीं शांति की जगह पर बैठ जाएं। फिर उनसे माता-पिता जैसे नहीं बल्कि एक दोस्त जैसे बात करें। उनसे पूछें कि उनकी क्लास में क्या चल रहा है, उनकी पढ़ाई में उन्हें कोई दिक्कत तो नहीं। उन्हें भरोसा दिलाएं कि आप उनके साथ उनकी परेशानी हल करने के लिए बैठे हैं ना कि उन्हें डांटने या जासूसी करने के लिए। अगर शुरुआत में बच्चा आपको कुछ भी बताने में झिझक रहा है तो उससे जिद ना करें। उस बात को वहीं छोड़ दें और अपनी बातें बच्चे से शेयर करें। ऐसा करने से बच्चे धीरे-धीरे आपको दोस्त मानने लगेंगे और आपके अपने दिल की बात कहेंगे।
गलतियों का एहसास कराएं
बच्चों की गलतियों को बच्चा समझ कभी न टाले, ऐसा करने से उन्हें और बढ़ावा मिलेगा। अगर बच्चा गाली सीख रहा है और उसे रिपीट भी कर रहा है तो उसे फौरन टोकिए और टोकने का तरीका ऐसा रखें कि बच्चे को बेईज्जती जैसा महसूस ना हो। अगर बच्चा पब्लिक प्लेस में ऐसा कर रहा है तो उसे घर आकर समझाइए और अगर घर पर ऐसा कर रहा है तो किसी एकांत सी जगह पर ले जाकर उसे इस गलती के बारे में बताइए।
अपनी सेहत का ख्याल रखें
माता-पिता बच्चों के चक्कर में अपना अच्छे से ख्याल रखना भूल जाते है। अगर आपकी सेहत ठीक नहीं रहेगी तो इससे बच्चे की परवरिश पर भी असर पड़ेगा। सेहत का ठीक ना होना कहीं ना कहीं चिड़चिड़ेपन और उलझन को जन्म देता है। इससे आपके अंदर गुस्सा भी जन्म ले सकता है जिसका सबसे ज्यादा असर बच्चे पर पड़ सकता है।