पवित्र अमरनाथ यात्रा का आज अंतिम दिन है। छड़ी मुबारक के दर्शन के साथ यात्रा की समाप्ति हो जाएगी। पवित्र छड़ी 31 अगस्त यानी कि आज 'श्रावण-पूर्णिमा' की सुबह 'पूजन' करने और 'दर्शन' करने के लिए दक्षिण कश्मीर हिमालय में भगवान शिव का निवास माने जाने वाले गुफा मंदिर में ले जाई गई। यह वार्षिक अमरनाथ यात्रा के समापन का प्रतीक है।
पवित्र छड़ी को बुधवार को पंचतरणी में रखा गया था। छड़ी मुबारक भगवा कपड़े में लिपटी भगवान शिव की पवित्र छड़ी है। जो 26 अगस्त को श्रीनगर के एक अखाड़े से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए निकली थी। आज वह पवित्र गुफा पहुंची और पूजा-अर्जना करके दर्शन किए। महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में इसकी उगते सूरज के साथ पवित्र गुफा में स्थापना की जाती है।
62 दिन तक चली इस यात्रा के दौरान 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए। अमरनाथ धाम जम्मू-कश्मीर में हिमालय की गोद में स्थित एक पवित्र गुफा है, जो हिंदुओं का सबसे पवित्र स्थल है। माना जाता है कि अमरनाथ स्थित पवित्र गुफा में भगवान शिव एक बर्फ-लिंगम यानी बर्फ के शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। बर्फ से शिवलिंग बनने की वजह से इसे ‘बाबा बर्फानी’ भी कहते हैं।
हर साल यहां हजारों-लाखों में भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं। अमरनाथ यात्रा के लिए भक्त पूरे साल इंतजार करते हैं, अब अगले साल भक्तों के लिए यात्रा फिर से खोली जाएगी। आज मंदिर में विशेष आरती की गई, जिसमें भारी संख्या में भक्त मौजूद हुए।
1 जुलाई से शुरू हुई 62 दिवसीय अमरनाथ यात्रा आज, 31 अगस्त, 2023 को समाप्त होगी। अमरनाथ गुफा श्रीनगर से 135 किमी दूर समुद्रतल से 13,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। कहते हैं कि यहां आकर भगवान शिव के स्वयंभू शिवलिंगम के दर्शन से सारे दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।