आज के जमाने में बच्चों पर pressure बहुत ही ज्यादा है। पढ़ाई से लेकर खेल- कूद तक में आगे रहने की इन मासूमों से उम्मीद रखी जाती है। वहीं बढ़ता प्रदूषण और जंक फूड के सेवन से बच्चों का विकास भी अच्छे से नहीं हो पाता। वैसे तो बाजार में कई सारे प्रोडक्ट्स मिलते हैं जो बच्चों को चुस्त- दुरुस्त बनाने के साथ बेहतर विकास का दावा करते हैं, लेकिन आज के जमाने में जहां हर चीज में मिलावट है, तो इन प्रोडक्ट्स पर कैसे भरोसा करें। लेकिन हम आयुर्वेद पर तो भरोसा कर सकते हैं ना। हम बात कर रहे हैं अश्वगंधा की। ये बच्चों के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी है...
क्या है अश्वगंधा
अश्वगंधा युगों से चली आ रही एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जिस का इस्तेमाल पुराने समय पर ऋषि-मुनि भी करते आए हैं। ये भारत के अलावा मध्य पूर्व और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में उगती है। अश्वगंधा नाम संस्कृत के शब्द "अश्व" से लिया गया है, जिसका अर्थ घोड़ा या गंध होता है। बता दें कि ये मानव शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है।
अश्वगंधा का फायदे
1. आजकल बच्चों की लाइफ भी बहुत ही hectic होती है। स्कूल, हॉमवर्क, tution, एग्जाम का स्ट्रेस उनको बहुत थका देता है। सिर्फ दूध और नॉर्मल खाने से उनकी ग्रोथ अच्छे से नहीं होगी। उनकी स्टैमिना को improve करने के लिए अश्वगंधा मददगार है।
2. शरीर का तनाव होता है कम।
3. ये दिमाग को तेज करता है, साथ ही में ही चिंता और डिसऑर्डर से लड़ने में मदद करता है।
4.ये दिल की हेल्थ के लिए भी बहुत अच्छा है। जंक फूड से होने वाले हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, सीने में दर्द जैसी खतरनाक बीमारियों का लाभकारी उपचार है।
5. बच्चों की teenage years में ही हाइट बढ़ती है। पेरेंट्स भी इस दौरान उनको बाजार में मिलने वाले कई तरह के ग्रोथ ड्रिंक देते हैं, लेकिन ये मिलावटी होते हैं और फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकते हैं, इससे बेहतर आप बच्चों को अश्वगंधा का पाउडर दें।
5. ये पाचन तंत्र को भी अच्छा रखता है । इससे जब बच्चा खाना खाएगा तो वो उसे लगेगा और उसका वचन उम्र के हिसाब से अच्छी तरह से बढ़ेगा।
कैसे दें बच्चों को अश्वगंधा
बच्चों को अश्वगंधा पाउडर के रूप में पानी, शहद या फिर घी में मिलाकर दे सकती हैं। शुरूआती तौर में बच्चों को थोड़ी मात्रा में ही अश्वगंधा दें। इसका सेवन डॉक्टर से सलाह लेकर ही कराएं। ध्यान रखें बच्चे को एक दिन में 1-2 ग्राम से ज्यादा अश्वगंधा न खिलाएं।